सिसोदिया ने डीटीयू के छात्रों से प्रदूषण कम करने के तरीकों पर अनुसंधान करने का आह्वान किया |

सिसोदिया ने डीटीयू के छात्रों से प्रदूषण कम करने के तरीकों पर अनुसंधान करने का आह्वान किया

सिसोदिया ने डीटीयू के छात्रों से प्रदूषण कम करने के तरीकों पर अनुसंधान करने का आह्वान किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:22 PM IST, Published Date : December 24, 2021/8:03 pm IST

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) के छात्रों से कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी से प्रदूषण को खत्म करने के उपायों पर अनुसंधान करें और इसके निवासियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करें।

सिसोदिया ने डीटीयू के आठवें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया और देश के लिए होनहार इंजीनियर और पेशेवर देने के लिए इसकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि डीटीयू दिल्ली के निवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी से प्रदूषण की समस्याओं को खत्म करने के उपायों पर अनुसंधान करेगा। डीटीयू पहले से ही दिल्ली और देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है।’’

उन्होंने दिल्ली सरकार के स्कूलों में चलाए जा रहे अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार के ‘देश के मेंटर’ कार्यक्रम की सफलता में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए डीटीयू के छात्रों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘आज 32,000 से अधिक युवा सलाहकार दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों की सहायता कर रहे हैं, जिन्हें बेहतर करियर विकल्प और परामर्श देने में एक सहायता प्रणाली की आवश्यकता है। मुझे उम्मीद है कि डीटीयू के छात्र समाज की बेहतरी और देश के विकास के लिए और अधिक नवाचार लाने की दिशा में अपने कौशल का उपयोग करेंगे।’’

सिसोदिया के पास शिक्षा विभाग भी है, उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का दृष्टिकोण राष्ट्रीय राजधानी में इस स्तर के विश्वविद्यालयों का विकास करना है कि यूरोप और अमेरिका के छात्र दिल्ली के विश्वविद्यालयों में पढ़ने का सपना देखें। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे हमारे देश में छात्र अमेरिका में हार्वर्ड या किसी अन्य देश में पढ़ने का सपना देखते हैं।’’

उन्होंने कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार देश की एकमात्र ऐसी सरकार है जो पूरे बजट का 25 फीसदी शिक्षा पर खर्च करती है। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार का लक्ष्य यहां के शिक्षण संस्थानों को दुनिया के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में शामिल करना है, क्योंकि जब हमारे विश्वविद्यालय का स्तर ऊंचा होगा तो देश भी विकास की नयी ऊंचाइयों को छुएगा।’’

किसी भी देश का भाग्य उसके विश्वविद्यालयों के इतिहास के अनुसार लिखा जाना चाहिए, उन्होंने कहा कि किसी भी विकसित राष्ट्र के आर्थिक विकास में विश्वविद्यालयों की भूमिका का अध्ययन किया जाना चाहिए। उन्होंने इजराइल का उदाहरण देते हुए कहा कि यह एक छोटा देश है लेकिन इसके विश्वविद्यालयों ने इसके आर्थिक विकास में प्रमुख भूमिका निभाई है।

भाषाा सुरभि उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers