सिसोदिया मानहानि मामला: तिवारी ने अदालत से सम्मन रद्द करने का आग्रह किया

सिसोदिया मानहानि मामला: तिवारी ने अदालत से सम्मन रद्द करने का आग्रह किया

सिसोदिया मानहानि मामला: तिवारी ने अदालत से सम्मन रद्द करने का आग्रह किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:47 pm IST
Published Date: December 3, 2020 8:29 am IST

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से आग्रह किया कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दायर किये गए आपराधिक मानहानि के मामले के संबंध में जारी किये गए सम्मन रद्द कर दिए जाएं।

तिवारी ने सिसोदिया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद सिसोदिया ने उनके विरुद्ध आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

अदालत ने तिवारी के वकील से कुछ दस्तावेजों की पढ़ने लायक प्रतियां सौंपने को कहा।

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न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख सात दिसंबर तय कर दी।

सुनवाई के दौरान, तिवारी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने दलील दी कि निचली अदालत का सम्मन आदेश ऐसे साक्ष्य पर आधारित है जिसे कानूनी रूप से स्वीकार नहीं किया जा सकता इसलिए वह अवैध है।

उन्होंने दावा किया कि निचली अदालत का 28 नवंबर 2019 का आदेश कानूनी रूप से सही नहीं है इसलिए उसे रद्द किया जाना चाहिए।

भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर ने भी निचली अदालत के सम्मन आदेश को चुनौती दी है।

गुप्ता भी मानहानि के मामले में आरोपी हैं।

दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने उच्च न्यायालय में कहा कि तिवारी की ओर से पेश किये गए बहुत से दस्तावेज पढ़ने योग्य नहीं हैं इसलिए उनसे टाइप की हुई प्रतियां सौंपने को कहा जाए।

उच्च न्यायालय ने इसे सही माना और याचिकाकर्ता के वकील से दस्तावेजों की पढ़ने लायक प्रतियां सौंपने को कहा।

भाषा यश शाहिद

शाहिद


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