सांसद प्रज्वल रेवन्न से संबंधित यौन उत्पीड़न मामले की एसआईटी जांच ‘पटरी से उतर’ रही है: जद(एस)

सांसद प्रज्वल रेवन्न से संबंधित यौन उत्पीड़न मामले की एसआईटी जांच ‘पटरी से उतर’ रही है: जद(एस)

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  • Publish Date - May 9, 2024 / 04:18 PM IST,
    Updated On - May 9, 2024 / 04:18 PM IST

बेंगलुरु, नौ मई (भाषा) जनता दल-सेकुलर (जदएस) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि उनके भतीजे और हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की विशेष जांच दल (एसआईटी) की तफ्तीश ‘पटरी से उतर’ रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत को एक ज्ञापन सौंपेगी।

कुमारस्वामी ने कहा कि वह चाहते हैं कि दोषी को कानून के मुताबिक सज़ा मिले लेकिन उन्होंने एसआईटी द्वारा की जा रही जांच की प्रगति पर सवाल उठाए। एसआईटी का गठन कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने किया है।

अपहरण के आरोपों का सामना कर रहे प्रज्वल के पिता एवं विधायक एचडी रेवन्ना के खिलाफ जांच को लेकर भी सवाल उठाते हुए कुमारस्वामी ने पूछा कि कथित रूप से अगवा की गई महिला को मुक्त कराए जाने के बाद अबतक अदालत में पेश क्यों नहीं किया गया है।

जदएस नेता ने कहा, “ हम राज्यपाल को ज्ञापन दे रहे हैं कि जांच कैसे पटरी से उतर रही है… मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि जिसने भी गलत किया है उसे सजा मिलनी ही चाहिए। जिस तरह से चीजें हो रही हैं, उसे देखकर ऐसा लगता है कि इनमें से कोई भी नहीं चाहता कि दोषी को सजा मिले, बल्कि प्रचार चाहता है… जांच शुरू होने के बाद से अब तक क्या उपलब्धि (प्रगति) हासिल हुई है?”

कुमारस्वामी ने कहा, “ अपहृत महिला को यहां लाए कितने दिन हो गए? क्या उसका बयान सीआरपीसी की धारा 164 (मजिस्ट्रेट द्वारा बयान दर्ज करना) के तहत दर्ज किया गया है? क्या उसे न्यायाधीश के सामने पेश किया गया है? पांच दिन हो गए, महिला को न्यायाधीश के सामने पेश क्यों नहीं किया गया? वह कहां से लाई गई थी? क्या उसे किसी फार्महाउस से लाया गया था जैसा कि मीडिया में दावा किया गया और खबरें आईं?’

उन्होंने यह भी सवाल किया कि एसआईटी ने अब तक यह जानकारी क्यों साझा नहीं की है। जदएस नेता ने कहा कि महिला को यहां लाए हुए पांच दिन हो गए हैं और उन्होंने इस पर कुछ भी नहीं कहा है कि अपहरण के लिए रेवन्ना जिम्मेदार थे या नहीं।

कुमारस्वामी ने कहा, “ अदालत के सामने सच्चाई क्यों नहीं रखी जाती? उन्होंने अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए सोमवार तक का समय मांगा है। इसका मतलब है कि वे रेवन्ना को तीन दिन और जेल में रखना चाहते हैं। वे (कांग्रेस नेता) अपनी नफरत निकालना चाहते हैं।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “ वे दोषियों के लिए सजा नहीं चाहते। मुझे नहीं पता कि चार जून (लोकसभा चुनाव परिणाम) के बाद मुद्दा खत्म हो जाएगा या नहीं।”

रेवन्ना को बुधवार को यहां एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 14 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

कुमारस्वामी के भाई रेवन्ना को एक महिला के कथित अपहरण के मामले में एसआईटी ने गिरफ्तार किया था।

प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं का यौन शोषण करने का आरोप है। इस कांड ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है और सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा-जदएस आपस में भिड़ गए हैं।

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने बुधवार को आरोप लगाया था प्रज्वल रेवन्ना से कथित तौर पर संबद्ध आपत्तिजनक वीडियो प्रसारित करने में कुमारस्वामी का हाथ है, उन्हें “ब्लैकमेलिंग’’ में महारथ हासिल है और वह “कहानी के मुख्य पात्र, निर्देशक और निर्माता” हैं।

इस बाबत पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “हां, मैं निर्माता, निर्देशक हूं और मैं कहानी का नायक भी हूं… शिवकुमार चाहते हैं कि मैं कहानी का नायक बनूं, है ना? मुझे खुशी है कि उन्होंने मुझे कहानी के नायक के रूप में स्वीकार कर लिया है।”

भाषा

नोमान मनीषा

मनीषा