केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे से एसआईटी ने की पूछताछ, किसान नेताओं ने गिरफ्तारी की मांग की |

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे से एसआईटी ने की पूछताछ, किसान नेताओं ने गिरफ्तारी की मांग की

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे से एसआईटी ने की पूछताछ, किसान नेताओं ने गिरफ्तारी की मांग की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:20 PM IST, Published Date : October 9, 2021/7:58 pm IST

लखीमपुर खीरी/ नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा से शनिवार को उत्तर प्रदेश पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के सिलसिले में पूछताछ की। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मामले में राज्य सरकार की कार्रवाई पर असंतोष व्यक्त किया था।

आशीष मिश्रा पूर्वान्ह्र लगभग 11 बजे एसआईटी के समक्ष पेश हुए। आशीष को शुक्रवार को पुलिस ने दूसरा नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए शनिवार पूर्वान्ह्र 11 बजे तक पेश होने को कहा था।

वह शुक्रवार को लखीमपुर खीरी में पुलिस के सामने पेश नहीं हुए थे, इसलिए उनके घर के बाहर दूसरा नोटिस चस्पा किया गया था।

सूत्रों ने बताया कि पुलिस उप महानिरीक्षक (मुख्यालय) उपेंद्र अग्रवाल के नेतृत्व में एसआईटी की टीम ने पुलिस लाइन में अपराध शाखा में पूछताछ शाम पांच बजे के बाद भी जारी थी।

इस बीच, शाम को अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को मौके पर तैनात कर दिया गया।

गौरतलब है कि रविवार को हुई हिंसा में मारे गए आठ लोगों में से चार किसान थे, जिन्हें कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं को ले जा रहे एक वाहन ने टक्कर मार दी थी। अन्य मृतकों में भाजपा के दो कार्यकर्ता और उनका चालक शामिल है।

लखीमपुर खीरी में मामले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से असंतुष्ट उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सवाल किया था कि जिन आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है। इसके साथ ही न्यायालय ने निर्देश दिया था कि मामले में साक्ष्य और संबद्ध सामग्री नष्ट नहीं हों।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा था, ‘कानून को सभी आरोपियों के खिलाफ अपना काम करना चाहिए’ तथा आठ लोगों की निर्मम हत्या की जांच के संबंध में सरकार को सभी उपचारात्मक कदम उठाने होंगे ताकि विश्वास कायम हो सके।’

कांग्रेस की पंजाब इकाई के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने मंत्री के बेटे के पूछताछ के लिए पेश होने के बाद अपना ‘‘मौन धरना’’ शनिवार को समाप्त कर दिया।

इस मामले में सिद्धू ने निघासन तहसील में स्थानीय पत्रकार राम कश्यप के घर के बाहर शुक्रवार शाम छह बजकर 15 मिनट से अपना ‘‘मौन धरना’’ शुरू किया था। कश्यप की तीन अक्टूबर की घटना में मौत हो गई थी।

सिद्धू ने बाद में पत्रकारों से कहा, ‘‘यह सत्य की जीत है। कोई व्यक्ति राजा हो सकता है, लेकिन न्याय से बड़ा कोई नहीं है। न्याय है तो शासन है, और यदि न्याय नहीं है, कुशासन है। यह किसानों के परिवारों, लवप्रीत सिंह के परिवार और रमन कश्यप के परिवार की जीत है।’’

मारे गए चार किसानों में लखीमपुर के पलिया गांव के लवप्रीत सिंह भी शामिल है।

वहीं, केंद्रीय मंत्रिपरिषद से अजय मिश्रा को बर्खास्त करने और मंत्री और उनके बेटे की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विपक्ष और किसान नेताओं ने सत्तारूढ़ भाजपा पर दबाव बनाना जारी रखा है।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता योगेंद्र यादव ने दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अजय मिश्रा को ‘‘मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए और उन्हें हत्या और साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया जाना चाहिए।’’ किसान नेता ने आरोप लगाया, ‘‘वह मामले में दोषियों को भी बचा रहे हैं।’’

उन्होंने मांग की कि उनके बेटे आशीष मिश्रा और उनके साथियों, जिन पर हत्या का आरोप लगाया गया है, को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार लखीमपुर हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के आरोपी बेटे आशीष मिश्रा को समन भेजने के बजाय ‘फूलों का गुलदस्ता’ दे रही है।’’

यादव ने लखनऊ में पत्रकारों से कहा, ‘ जिस तरह से पहले किसानों को कुचला गया, अब कानून को कुचलने की तैयारी चल रही है। आपने देखा होगा कि कैसे एक वाहन ने किसानों को कुचल दिया, जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे थे। दोषी व्यक्ति अभी तक पकड़े नहीं गए हैं। उन्हें समन देने के बजाय, फूलों का गुलदस्ता दिया जा रहा है। समन केवल नाम में है, वास्तव में ‘सम्मान’ दिया जाता है।’

एसकेएम नेता योगेन्द्र यादव ने कहा कि घटना में मारे गए चार किसानों और पत्रकार को श्रद्धांजलि देने के लिए 12 अक्टूबर को तिकोनिया, लखीमपुर खीरी में एक ‘‘अंतिम अरदास’’ आयोजित की जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी किसान संगठनों को 12 अक्टूबर को अपने-अपने स्थानों पर प्रार्थना सभा आयोजित करनी चाहिए।’’ उन्होंने लोगों से उस शाम अपने घर के बाहर मोमबत्तियां जलाने की अपील की।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर सरकार 11 अक्टूबर तक हमारी मांगें नहीं मानती है, तो हम मारे गए किसानों की अस्थियों को लेकर लखीमपुर खीरी से ‘शहीद किसान यात्रा’ निकालेंगे।’’

मोर्चा ने कहा कि किसान हिंसा के विरोध में दशहरा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंकेंगे। मोर्चा ने 18 अक्टूबर को पूर्वान्ह्र 10 बजे से शाम चार बजे तक देशभर में ‘‘रेल रोको’’ आंदोलन और 26 अक्टूबर को लखनऊ में ‘‘महापंचायत’’ का आह्वान किया।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वह उन्हें अपराधी नहीं मानते, जिन्होंने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में भाजपा के कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर हत्या की क्योंकि उन्होंने तो प्रदर्शनकारियों के ऊपर कार चढ़ाए जाने की प्रतिक्रिया में ऐसा किया।

संवाददाताओं द्वारा यहां पूछे गए एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा, “लखीमपुर खीरी में कारों के एक काफिले ने चार किसानों को रौंद दिया, जिसके जवाब में भाजपा के दो कार्यकर्ता मारे गए। यह क्रिया के बदले की गई प्रतिक्रिया थी। मैं हत्या में शामिल लोगों को अपराधी नहीं मानता।”

भारतीय युवा कांग्रेस के सदस्यों ने शनिवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अजय मिश्रा को बर्खास्त करने और उनके बेटे आशीष मिश्रा को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन किया।

युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बी.वी. श्रीनिवास के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी सुनहरी बाग रोड पर जमा हुए और कृष्ण मेनन मार्ग स्थित केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास तक मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। पुलिस ने पहले ही प्रदर्शन स्थल पर अवरोधक लगा दिए थे।

प्रदर्शनकारियों ने लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के लिए न्याय की मांग करते हुए मिश्रा के बेटे को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधकों पर चढ़ गए और केंद्र के खिलाफ नारेबाजी की और गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने की मांग की।

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश

 

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