हरियाणा के पलवल में छह बच्चों की बुखार और अन्य बीमारियों से मौत: अधिकारी |

हरियाणा के पलवल में छह बच्चों की बुखार और अन्य बीमारियों से मौत: अधिकारी

हरियाणा के पलवल में छह बच्चों की बुखार और अन्य बीमारियों से मौत: अधिकारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : September 15, 2021/7:39 pm IST

चंडीगढ़, 15 सितंबर (भाषा) हरियाणा के पलवल जिले के चिल्ली गांव में पिछले एक पखवाड़े के दौरान बुखार और अन्य बीमारी से छह बच्चों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी बच्चे की मौत डेंगू या कोविड-19 से नहीं हुई है।

एक अधिकारी ने बताया कि इनके अलावा एक बच्चे की ‘दूध नहीं मिलने की वजह से घर में मौत हो गई और इस मौत का बीमारी से कोई लेना-देना नहीं है।’’ पलवल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर ब्रह्मदीप ने बताया कि जिन छह बच्चों की मौत हुई है, उनकी उम्र 10 साल से कम है। अधिकारी ने बुधवार को गांव का निरीक्षण किया था।

उन्होंने बताया कि बच्चों की मौत अस्पताल में हुई है और ‘कोई भी मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाया गया।’’

उन्होंने पीटीआई-भाषा को फोन पर बताया कि किसी में डेंगू की पुष्टि नहीं हुई।

नूंह के नल्हर चिकित्सा कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि छह में से एक बच्चा एनिमिया और हृदय संबंधी बीमारी से पीड़ित था। मृतकों में से अन्य बच्चों में निमोनिया के साथ बुखार, दस्त और बुखार के साथ शरीर में अकड़न के लक्षण थे। वहीं कुछ स्थानीय लोगों ने गांव में कथित तौर पर साफ-सफाई नहीं होने की भी शिकायत की।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया, ‘‘ हमने गांव के सभी 300 घरों में सर्वेक्षण किया। हमने मलेरिया के लिए 400 परीक्षण, डेंगू के लिए 12 एलिसा परीक्षण और कोविड-19 के लिए 400 परीक्षण किये। किसी में भी संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई।’’

वहीं उन्होंने बुखार के बारे में कहा, ‘‘हम घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर रहे हैं। रविवार से सर्वेक्षण की शुरुआत हुई थी और उस दिन बुखार के 64 मामले थे। कुल जनसंख्या में आज बुखार के केवल 12 मामले हैं।’’

उन्होंने बताया कि स्थिति ‘नियंत्रण’ में है। डॉक्टर ने बताया कि पिछले दो दिनों में किसी की भी मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कोई भी मौत देखभाल की कमी के कारण नही हुई है और यहां सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने ऑक्सीजन और दवाइयों के साथ गांव में एक अस्थायी अस्पताल स्थापित किया है और एक एम्बुलेंस को भी यहां रखा गया है।

उन्होंने कहा कि गांव में इससे पहले कोविड-19 टीकाकरण को लेकर लोगों ने विरोध भी किया था। अधिकारी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस सप्ताह यहां 100 फीसदी टीकाकरण हो जाएगा।

भाषा स्नेहा उमा

उमा

 

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