एसजेटीए ने एएसआई से भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार का निरीक्षण कार्य शुरू करने का आग्रह किया

एसजेटीए ने एएसआई से भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार का निरीक्षण कार्य शुरू करने का आग्रह किया

एसजेटीए ने एएसआई से भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार का निरीक्षण कार्य शुरू करने का आग्रह किया
Modified Date: August 24, 2024 / 03:32 pm IST
Published Date: August 24, 2024 3:32 pm IST

भुवनेश्वर, 24 अगस्त (भाषा) श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने शनिवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को एक पत्र लिखकर पुरी में 12वीं सदी के मंदिर के रत्न भंडार की मरम्मत और नवीनीकरण से पहले इसका निरीक्षण कार्य शुरू करने का आग्रह किया है।

एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी ने एएसआई महानिदेशक को लिखे पत्र में केंद्रीय एजेंसी से रत्न भंडार को अपने नियंत्रण में लेने और नवीनतम तकनीक का उपयोग करके स्कैनिंग और भू-भौतिकीय जांच शुरू करने का आग्रह किया ताकि भगवान जगन्नाथ मंदिर के कोषागार के आंतरिक और बाहरी कक्षों के संरक्षण, मरम्मत और जीर्णोद्धार का कार्य किया जा सके।

पत्र में कहा गया कि रत्न भंडार के भीतरी और बाहरी दोनों कक्ष खाली होने के कारण एसजेटीए को लगता है कि रत्न भंडार के अंदर कुछ गुप्त सुरंगें या कक्ष हो सकते हैं, जिसके चलते निरीक्षण कार्य आवश्यक है।

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एसजेटीए ने पत्र में कहा कि आवश्यक सर्वेक्षण और निरीक्षण कार्य पूरा हो जाने के बाद मरम्मत कार्य की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार से लोहे के खाली संदूक और अलमारियों को 12वीं सदी के मंदिर परिसर में स्थित नीलाद्रि विहार संग्रहालय के पास एक कमरे में स्थानांतरित कर दिया गया।

भाषा शफीक नेत्रपाल

नेत्रपाल


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