नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता विफल होने के एक दिन बाद, तालिबान सरकार ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तानी सेना और खुफिया सेवाओं के भीतर कुछ तत्व जानबूझकर उस वार्ता प्रक्रिया को बाधित कर रहे हैं, जिसका मकसद सीमा पर तनाव में कमी लाना है।
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि ये तत्व पाकिस्तान की आंतरिक समस्याओं, असुरक्षा और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की ओर से किए गए हमलों के लिए तालिबान सरकार को दोषी ठहराने की कोशिश कर रहे हैं।
मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान किसी को भी “किसी अन्य देश के खिलाफ अपने क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा, न ही ऐसी किसी कार्रवाई की अनुमति देगा, जो उसकी संप्रभुता या सुरक्षा को कमजोर करती हो।”
उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “पाकिस्तान की सेना और खुफिया सेवाओं के भीतर कुछ तत्व जानबूझकर शांति प्रक्रिया को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस्लामिक अमीरात के अच्छे इरादों और मध्यस्थों के प्रयासों के बावजूद, पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के गैर-जिम्मेदाराना और असहयोगी रवैये के कारण कोई नतीजा नहीं निकला।”
भाषा पारुल वैभव
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