सोनिया गांधी को कांग्रेस को पुनर्जीवित करने में ऊर्जा लगानी चाहिए, देश सुरक्षित हाथों में है: भाजपा |

सोनिया गांधी को कांग्रेस को पुनर्जीवित करने में ऊर्जा लगानी चाहिए, देश सुरक्षित हाथों में है: भाजपा

सोनिया गांधी को कांग्रेस को पुनर्जीवित करने में ऊर्जा लगानी चाहिए, देश सुरक्षित हाथों में है: भाजपा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:41 PM IST, Published Date : May 13, 2022/11:15 pm IST

नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस को देश की राजनीति में औचित्य बनाए रखने के लिए ‘‘आत्मचिंतन’’ करना चाहिए, न कि देश के बारे में ‘‘चिंतन’’ करना चाहिए क्योंकि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में सुरक्षित है।

भाजपा की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब कांग्रेस का राजस्थान में झीलों की नगरी कहे जाने वाले उदयपुर में तीन दिवसीय ‘‘चिंतन शिविर’’ शुरू हुआ।

इस शिविर का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश में ‘‘डर के माहौल’’ और ‘‘ध्रुवीकरण’’ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि उनके ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ का मतलब कुछ और नहीं बल्कि अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करना एवं असल मुद्दों से ध्यान भटकाना है।

कांग्रेस और सोनिया गांधी पर पलटवार करते हुए भाजपा के मीडिया विभाग के राष्ट्रीय प्रभारी अनिल बलूनी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को अपनी ऊर्जा अपनी पार्टी के भविष्य को संवारने में लगानी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘देश के बारे में ‘चिंतन’ करने की जगह कांग्रेस को अपने को फिर से खड़ा करने के बारे में ‘आत्मचिंतन’ करना चाहिए क्योंकि वह न सिर्फ वह आम जन से दूर हो चुकी है बल्कि सच्चाई यानी जमीनी हकीकत से भी दूर है।’’

भाजपा नेता ने कहा कि जहां तक देश का सवाल है तो वह प्रधानमंत्री मोदी के हाथों में सुरक्षित है।

बलूनी ने कहा कि देश की जनता को प्रधानमंत्री के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है, जिनके अधीन भारत ने नयी ऊंचाइयों को छुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने खुलकर भाजपा का समर्थन किया है और चुनाव दर चुनाव उसे अपना समर्थन दिया है जबकि कांग्रेस हताश है और एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका कैसे निभाई जाती है, उसके बारे में वह दिशाहीन है।’’

इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘यह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री और उनके साथियों की ओर से ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ के जो नारे दिए जाते हैं उनका क्या मतलब है? इसका मतलब निरंतर ध्रुवीकरण और लोगों को डर एवं असुरक्षा के माहौल में रहने के लिए मजबूर करना है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ का मतलब अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने, उनका उत्पीड़न करने और अक्सर उन्हें कुचलने से है जो हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और हमारे गणराज्य में बराबर के नागरिक हैं।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सरकार के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ का मतलब हमारे समाज की पुरानी विविधता का उपयोग हमें बांटने के लिए करना है। मतलब राजनीतिक विरोधियों को डराना धमकाना, उन्हें बदनाम करना और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें जेल में डालना है।’’

बलूनी ने कहा कि कांग्रेस को पहले यह चिंतन करना चाहिए कि उसके शासन वाले राजस्थान में कानून व व्यवस्था की स्थिति इतनी बदतर क्यों है और क्यों दलितों व महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘देश प्रधानमंत्री के हाथों में पूरी तरह सुरक्षित है और प्रगति कर रहा है।’’

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

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