दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों को मानसिक स्वास्थ्यसेवा को सभी के लिए वास्तविक बनाना चाहिए: डब्ल्यूएचओ |

दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों को मानसिक स्वास्थ्यसेवा को सभी के लिए वास्तविक बनाना चाहिए: डब्ल्यूएचओ

दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों को मानसिक स्वास्थ्यसेवा को सभी के लिए वास्तविक बनाना चाहिए: डब्ल्यूएचओ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:53 PM IST, Published Date : October 9, 2021/12:29 pm IST

नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की पूर्व संध्या पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों से बढ़ी हुई जरूरतों को पूरा करने के लिए सेवाओं को मजबूत कर सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवा को वास्तविकता बनाने और कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने का आग्रह किया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन में दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने एक बयान में कहा कि निम्न व मध्यम आय वाले देशों में मानसिक स्वास्थ्य समस्या से गुजर रहे अधिकांश लोगों को पर्याप्त इलाज उपलब्ध नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा कोविड-19 महामारी संकट ने चुनौतियों को और बढ़ा दिया है, जिससे प्राथमिकता के आधार पर निपटने की जरूरत है।

डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि पिछले साल महामारी की शुरुआत के बाद से मानसिक स्वास्थ्य सेवा की मांग बढ़ी है लेकिन यह सेवा या तो प्रभावित है या रूक गई है।

बयान में कहा गया कि लोगों का अलग-थलग पड़ना, आय के स्रोत का खत्म होना, बेचैनी और डर ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया और जो पहले से ही इसके शिकार थे, उनकी स्थिति और भी खराब हो गई।

सिंह ने कहा कि डब्ल्यूएचओ सदस्य देशों को मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्पन्न अंतर को पाटने और इसे बढ़ाने में सहयोग मुहैया करा रहा है।

भाषा स्नेहा रंजन

रंजन

 

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