ज्ञानवापी मामले में वाराणसी अदालत के आदेश पर रोक 31 अक्टूबर तक बढ़ाई गई |

ज्ञानवापी मामले में वाराणसी अदालत के आदेश पर रोक 31 अक्टूबर तक बढ़ाई गई

ज्ञानवापी मामले में वाराणसी अदालत के आदेश पर रोक 31 अक्टूबर तक बढ़ाई गई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:46 PM IST, Published Date : September 28, 2022/10:06 pm IST

प्रयागराज, 28 सितंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने काशी विश्वनाथ मंदिर- ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वेक्षण कराने संबंधी वाराणसी की एक अदालत के आदेश पर लगी रोक 31 अक्टूबर तक के लिए बुधवार को बढ़ा दी।

न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 18 अक्टूबर तय की।

याचिकाकर्ता अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद (वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति) और अन्य ने वाराणसी की जिला अदालत में 1991 में दायर मूल वाद की पोषणीयता को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है।

मूल वाद में उस जगह पर जहां वर्तमान में ज्ञानवापी मस्जिद खड़ी है, प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर बहाल करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं ने मूल वाद में दावा किया है कि अमुक मस्जिद उस मंदिर का हिस्सा है।

उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नौ सितंबर, 2021 को वाराणसी की अदालत के आठ अप्रैल, 2021 के आदेश पर रोक लगा दी थी जिसमें एएसआई को काशी विश्वनाथ मंदिर- ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का भौतिक सर्वेक्षण करने का निर्देश जारी किया गया था।

इससे पूर्व, 12 सितंबर को न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने भी एएसआई के महानिदेशक को 10 दिनों के भीतर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था क्योंकि एएसआई द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामा बहुत अस्पष्ट था और यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है।

उच्च न्यायालय के 12 सितंबर के आदेश के अनुपालन में एएसआई (वाराणसी) के अधीक्षण पुरातत्वविद अबिनाश मोहंती ने एक प्रार्थना पत्र देकर महानिदेशक की पेशी के लिए कुछ समय मांगा। मोहंती ने कहा कि महानिदेशक अस्वस्थ हैं और वह व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने की स्थिति में नहीं हैं।

हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा, “चूंकि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है और वाद 1991 से निचली अदालत में लंबित है, इसलिए यह अदालत उम्मीद और विश्वास करती है कि एएसआई के महानिदेशक सुनवाई की अगली तारीख पर या इससे पूर्व 12 सितंबर, 2022 के आदेश का अनुपालन करेंगे।”

भाषा राजेंद्र

राजकुमार

राजकुमार

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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