मांसाहारी भोजन पर ‘प्रतिबंध’ को लेकर हंसराज कॉलेज में छात्रों का समूह करेगा प्रदर्शन |

मांसाहारी भोजन पर ‘प्रतिबंध’ को लेकर हंसराज कॉलेज में छात्रों का समूह करेगा प्रदर्शन

मांसाहारी भोजन पर ‘प्रतिबंध’ को लेकर हंसराज कॉलेज में छात्रों का समूह करेगा प्रदर्शन

:   Modified Date:  January 18, 2023 / 12:03 PM IST, Published Date : January 18, 2023/12:03 pm IST

नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) से जुड़े छात्रों के एक समूह ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के हंसराज कॉलेज में मांसाहारी भोजन ‘‘बंद’’ करने और ‘‘परिसर के भगवाकरण’’ के कथित प्रयासों के विरोध में प्रदर्शन करने का आह्वान किया है।

एसएफआई की हंसराज कॉलेज इकाई ने एक बयान में कहा कि मांसाहारी भोजन पर ‘‘प्रतिबंध’’ के खिलाफ कॉलेज परिसर के अंदर विरोध हो रहा है और 20 जनवरी को हंसराज छात्रावास के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा।

छात्रों ने कहा कि महामारी के बाद पिछले साल फरवरी में फिर से खुलने के बाद हंसराज कॉलेज ने अपनै कैंटीन और छात्रावास में मांसाहारी भोजन परोसना बंद कर दिया था। हालांकि इस पर कोई आधिकारिक आदेश नहीं आया है।

एसएफआई ने दावा किया कि ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां हंसराज प्रशासन ने छात्रावास में अंडा लेकर आने वाले छात्रों से अंडे जब्त कर लिए। छात्र समूह ने कहा कि हंसराज छात्रावास के भीतर एक सर्वेक्षण किया गया जिसमें लगभग 75 प्रतिशत छात्र मांसाहारी पाए गए। इसने कहा कि हंसराज कॉलेज की प्रधानाचार्य रमा शर्मा ने पहले दावा किया था कि कॉलेज के 90 प्रतिशत छात्र शाकाहारी हैं।

एसएफआई के बयान में कहा गया है, ‘‘हंसराज के अधिकांश छात्र मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध के खिलाफ हैं और इसे सांस्कृतिक आधिपत्य स्थापित करने के प्रयास के रूप में देखते हैं। जब इन मुद्दों को परिसर में उठाया गया तो इसे दबाने के लिए दक्षिणपंथी ताकतों ने हिंसक प्रतिक्रिया की।’’

इसने कहा, ‘‘दक्षिणपंथी ताकतों की यह प्रतिक्रिया और इसके प्रति प्रशासन का रवैया विश्वविद्यालय परिसरों के भगवाकरण की कोशिश को दर्शाता है।’’

एक छात्रावास में रहने वाले तृतीय वर्ष के छात्र आलोक शर्मा ने कहा कि कॉलेज ने अचानक मांसाहारी भोजन परोसना बंद कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें ऐसे किसी आदेश के बारे में सूचित नहीं किया गया। मुझे नहीं लगता कि कोई आदेश जारी किया गया है। यह अनुचित है। हम अपने परिवार से दूर रह रहे हैं और हमें उचित पौष्टिक भोजन की जरूरत है।’’

भाषा सुरभि मनीषा

मनीषा

 

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