उच्चतम न्यायालय ने बाघ अभयारण्यों, राष्ट्रीय उद्यानों में निर्माण पर रोक लगायी |

उच्चतम न्यायालय ने बाघ अभयारण्यों, राष्ट्रीय उद्यानों में निर्माण पर रोक लगायी

उच्चतम न्यायालय ने बाघ अभयारण्यों, राष्ट्रीय उद्यानों में निर्माण पर रोक लगायी

:   Modified Date:  February 8, 2023 / 08:30 PM IST, Published Date : February 8, 2023/8:30 pm IST

नयी दिल्ली, आठ फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने अधिकारियों को बाघ अभयारण्यों, राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों में संरक्षित क्षेत्रों के भीतर कोई भी निर्माण करने से बुधवार को रोक दिया।

न्यायालय ने बाघ अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों में चिड़ियाघर और सफारी बनाने पर नाखुशी जतायी।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने राष्ट्रीय बाघ अभयारण्य प्राधिकरण (एनटीसीए) को राष्ट्रीय उद्यानों में सफारी की आवश्यकता बताते हुए एक जवाब दाखिल करने को कहा।

न्यायालय बाघ अभयारण्यों में कथित अवैध निर्माण तथा उत्तराखंड में कॉर्बेट बाघ अभयारण्य के बफर क्षेत्र में टाइगर सफारी शुरू करने जैसे मुद्दे उठाने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

पीठ ने कहा, ‘‘अगले आदेश तक हम अधिकारियों को बाघ अभयारण्यों, राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों में अधिसूचित संरक्षित क्षेत्रों के भीतर कोई भी निर्माण करने से रोकते हैं।’’

पीठ को उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित ‘केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति’ (सीईसी) की रिपोर्ट से भी अवगत कराया गया, जिसमें उसने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से बाघ अभयारण्यों और वन्यजीव अभयारण्यों के भीतर चिड़ियाघर तथा सफारी बनाने से संबंधित दिशा-निर्देश वापस लेने को कहा है, ताकि पर्यटन गतिविधियों के लिए वन्यजीवों के निवास स्थलों के इस्तेमाल को हतोत्साहित किया जाए।

पीठ ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया हम बाघ अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों के भीतर चिड़ियाघर बनाए जाने की आवश्यकता की समीक्षा नहीं कर रहे हैं।’’

भाषा

गोला सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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