राष्ट्रपति चुनाव संबंधी विवादों पर उच्चतम न्यायालय ही कर सकता है फैसला: दिल्ली उच्च न्यायालय

राष्ट्रपति चुनाव संबंधी विवादों पर उच्चतम न्यायालय ही कर सकता है फैसला: दिल्ली उच्च न्यायालय

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  • Publish Date - July 22, 2022 / 02:02 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:34 PM IST

नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के चुनाव संबंधी सभी विवादों पर केवल उच्चतम न्यायालय ही फैसला कर सकता है।

आपराधिक मामलों में जेल में बंद विधायकों को राष्ट्रपति पद के चुनाव में मतदान करने से रोकने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने कहा कि यह याचिका संविधान और राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनाव कानून के अनुसार सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि इस प्रकार के मामलों पर सुनवाई का विशेषाधिकार केवल उच्चतम न्यायालय के पास है।

न्यायाधीश ने 70 वर्षीय उस बढ़ई की रिट याचिका को खारिज कर दिया, जिसने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने में असफल रहने का दावा किया है।

अदालत ने कहा कि परिणाम घोषित हो जाने के बाद राष्ट्रपति पद के चुनाव के संबंध में रिट याचिका नहीं, बल्कि ‘‘चुनावी याचिका’’ के रूप में समाधान उपलब्ध हो सकता है।

याचिकाकर्ता की प्राथमिक शिकायत यह थी कि प्राधिकारी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चयन करने वाले निर्वाचन मंडल से जेल में बंद सांसदों या विधायकों को हटाने या उन्हें अयोग्य ठहराने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रहे।

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने एक भी ऐसा उदाहरण नहीं दिया, जिसमें जेल में बंद किसी सांसद या विधायक को वोट देने की अनुमति दी गई हो और न ही उसने किसी ऐसे सांसद या विधायक को पक्षकार बनाया।

अदालत ने कहा कि याचिका को राष्ट्रपति चुनाव की पूर्व संध्या पर दायर किया गया और उसे दायर किए जाने के समय के मद्देनजर उसकी मंशा पर ‘‘अत्यधिक संदेह’’ पैदा होता है।

याचिका पर राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव के दिन 18 जुलाई को सुनवाई की गई थी और इसे खारिज कर दिया गया था। अदालत ने तब कहा था कि वह याचिका पर विस्तृत आदेश बाद में जारी करेगी।

भाषा सिम्मी माधव

माधव