सुप्रीम कोर्ट ने ‘नोटा’ पर तत्काल रोक लगाने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने 'नोटा' पर तत्काल रोक लगाने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने ‘नोटा’ पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया है, अब मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को फिर होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने नोटा को चुनौती दे रही कांग्रेस से पूछा कि चुनाव आयोग ने 2014 में नोटीफिकेशन जारी किया था तब चुनौती क्यों नही दी।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गुजरात कांग्रेस की ओर से जस्टिस दीपक मिश्रा की पीठ में अर्जेंट सुनवाई का आग्रह करते हुए कहा कि संविधान में ‘नोटा’ का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए रास चुनाव के मतपत्र में इस तरह का कोई विकल्प नहीं रखा जा सकता। गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक शैलेष मनुभाई परमार ने अपनी याचिका में विधानसभा सचिव के 1 अगस्त के परिपत्र को रद करने की मांग की है। सचिव ने परिपत्र में कहा है कि रास चुनाव में ‘नोटा’ का विकल्प रहेगा।
परमार का कहना है कि नोटा का विकल्प जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 और चुनाव संचालन नियम 1961 का उल्लंघन है। कानून में आवश्यक संशोधन के बगैर इसे लागू करना अवैध, मनमाना व गलत इरादे वाला है। याचिका में चुनाव आयोग द्वारा नोटा का विकल्प लागू करने के 24 जनवरी 2014 व 12 नवंबर 2015

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