न्यायालय ने पीलीभीत में पंचायत भवन को ध्वस्त करने के आदेश को रद्द किया
न्यायालय ने पीलीभीत में पंचायत भवन को ध्वस्त करने के आदेश को रद्द किया
नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के एक गांव में पंचायत भवन को ध्वस्त करने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को शुक्रवार को खारिज करते हुए टिप्पणी की कि जनता का पैसा बर्बाद नहीं होना चाहिए।
उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए फिरसा चुर्राह गांव में भवन को ध्वस्त करने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर आदेश दिया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि भवन से गांव का रास्ता बाधित हो रहा है।
प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने उच्च न्यायालय के 4 मार्च, 2024 के आदेश को संशोधित करते हुए कहा, ‘‘आखिरकार यह सरकारी धन है जिसका उपयोग पंचायत भवन के निर्माण के लिए किया गया था, वह भी ग्राम सभा की जमीन पर… जनता का पैसा बर्बाद नहीं होना चाहिए।’’
शीर्ष अदालत को सुनवाई के दौरान सूचित किया गया कि वैकल्पिक मार्ग पहले ही उपलब्ध करा दिया गया है और इसके अलावा, भवन का निर्माण ग्राम सभा की भूमि पर ही किया गया है।
पीठ ने इमारत को ध्वस्त करने से रोकते हुए जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वे व्यक्तिगत रूप से स्थल का निरीक्षण करें और देखें कि वहां कोई रास्ता है या नहीं।
न्यायालय ने जिलाधिकारी से कहा कि वे देखें कि रास्ते को लेकर विवाद का समाधान हो जाए तथा दोहराया कि पंचायत भवन को ध्वस्त नहीं किया जा सकता।
उच्च न्यायालय ने अंग्रेज सिंह नामक ग्रामीण द्वारा 2022 में दाखिल एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाया था, जिसमें भूखंड संख्या 254 पर अतिक्रमण हटाने का अनुरोध करते हुए दावा किया गया था राजस्व रिकॉर्ड में उक्त जमीन पर रास्ता दर्ज है।
भाषा धीरज नरेश
नरेश

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