उच्चतम न्यायालय ने एससीबीए चुनाव के लिए 20 मई की तारीख तय की

उच्चतम न्यायालय ने एससीबीए चुनाव के लिए 20 मई की तारीख तय की

उच्चतम न्यायालय ने एससीबीए चुनाव के लिए 20 मई की तारीख तय की
Modified Date: May 6, 2025 / 06:41 pm IST
Published Date: May 6, 2025 6:41 pm IST

नयी दिल्ली, छह मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने 2024 में निर्धारित मतदाता सूची के आधार पर शीर्ष अदालत बार एसोसिएशन के चुनाव कराने के लिए मंगलवार को 20 मई की तारीख तय की।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने निर्देश दिया कि उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन (एससीबीए) के सचिव पद को कार्यकारिणी में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटों के आरक्षण के अतिरिक्त ‘‘विशेष रूप से महिला वकीलों के लिए आरक्षित’’ किया जाना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि 28 फरवरी तक पात्रता हासिल करने वाले वकील एससीबीए के 2025 के चुनाव के लिए मतदाता सूची में शामिल होने के हकदार होंगे।

 ⁠

इसने कहा कि 21 मई को मतदान समाप्त होने के बाद मतों की गिनती शुरू होगी और परिणाम घोषित किए जाएंगे।

पीठ ने निर्देश दिया कि उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एल नागेश्वर राव की रिपोर्ट एससीबीए की वेबसाइट पर अपलोड की जानी चाहिए, जिन्हें उपनियमों में सुधार का सुझाव देने के लिए उच्चतम न्यायालय ने नियुक्त किया था।

इसने कहा, ‘‘रिपोर्ट को चुनौती देने पर विचार नहीं किया जाएगा। हालांकि, सदस्यों के सुझावों का स्वागत किया जाएगा।’’

सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करना संभव नहीं हो सकेगा, क्योंकि मौजूदा एससीबीए कार्यकारिणी का कार्यकाल 19 मई को समाप्त हो रहा है।

पीठ ने बार के सदस्यों को स्पष्ट किया कि वह एससीबीए के विचार सुने बिना रिपोर्ट के कार्यान्वयन का निर्देश नहीं देगी।

न्यायमूर्ति कांत ने कहा, ‘‘इस चुनाव के लिए हम पिछली प्रथा के अनुसार चल सकते हैं। लेकिन भविष्य के चुनावों के लिए हमें इस बारे में सहायता की आवश्यकता है कि एससीबीए के चुनाव उच्च न्यायालय और जिला अदालतों में चुनाव के दिन ही क्यों नहीं कराए जा सकते।’’

पिछले वर्ष मई में उच्चतम न्यायालय ने पहली बार महिला वकीलों के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने का निर्देश दिया था।

महिला वकीलों के लिए सीट आरक्षित करने का यही फॉर्मूला बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, दिल्ली अदालत बार एसोसिएशन, बेंगलुरु बार एसोसिएशन और देश के अन्य बार निकायों में भी अपनाया गया।

भाषा नेत्रपाल अविनाश माधव

माधव


लेखक के बारे में