अगली सुनवाई तक देश में ही रहेंगे रोहिंग्या रिफ्यूजी: सुप्रीम कोर्ट

अगली सुनवाई तक देश में ही रहेंगे रोहिंग्या रिफ्यूजी: सुप्रीम कोर्ट

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  • Publish Date - October 13, 2017 / 05:30 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:20 PM IST

रोहिंग्या शरणार्थी देश की सुरक्षा के लिए खतरा: केंद्र सरकार

 

देश से बाहर निकालने के खिलाफ दायर की गई रोहिंग्या मुसलमानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देश की सुरक्षा सबसे पहले है, लेकिन रोहिंग्या शरणार्थियों के मानवीय राउइट्स को नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता है. फिलहाल अगली सुनवाई तक रोहिंग्या को देश से बाहर नहीं निकाला जा सकता. मामले की अगली सुनवाई को 21 नवंबर को तय किया गया है. आपको बतादें केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ रोहिंग्या मुसलमानों ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर की थी.

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 केंद्र सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों को देश के लिए ख़तरा बताया है, खुफिया एंजेसियों से पता है कि वे आतंकी संगठनों से मिले हुए हैं. इस रोहिंग्या शरणार्थियों को देश में रखने के खिलाफ  सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है कि जिसमें केंद्र ने बताया है कि यह मामला कार्यपालिका का है और सर्वोच्च न्यायालय इसमें हस्तक्षेप न करे.

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केंद्र ने कहा है कि देशभर में 40 हजार से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी मौजूद हैं. म्यांमार में हिंसा भड़कने के बाद रोहिंग्या वहां से पलायन कर रहे हैं. अबतक करीब 9 लाख रोहिंग्या म्यांमार छोड़ चुके हैं. वहीं इसपर  सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में दलीलें भावनात्मक पहलुओं पर नहीं, बल्कि कानूनी बिंदुओं पर आधारित होनी चाहिए. 

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दोनों पक्षों से कहा है कि वह अपनी अर्जी में तमाम दस्तावेजों को लगाएं और साथ ही अंतरराष्ट्रीय संधियां भी इसमें समग्र तरीके से पेश करें. कोर्ट ने कहा कि वह कानून के आलोक में इस मामले की मानवीय पहलू और मानवता के आधार पर सुनवाई करेगा. 

प्रधानमंत्री मोदी को 51 हस्तियों ने लिखा खत

आपको बता दें रोहिंग्या शरणार्थी को भारत से बाहर भेजने के खिलाफ देश के 51 मशहूर हस्तियों ने प्रधानमंत्री को खत लिखर रोहिंग्या शरणार्थियों को भारत में रहने की अनुमति देने को कहा है. 

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हस्तियों ने म्यांमार में जारी हिंसा का हवाला देते हुए रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस उनके देश नहीं भेजने की अपील की गई है. इस खत पर मशहूर वकील प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, सांसद शशि थरूर, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, ऐक्टिविस्ट तीस्ता शीतलवाड़, पत्रकार करन थापर, सागरिका घोष, अभिनेत्री स्वरा भास्कर समेत कुल 51 मशहूर हस्तियों ने हस्ताक्षर किए हैं.

इसमें कहा गया है, “म्यांमार के रखाइन प्रांत में अमानवीय घटनाएं हो रही हैं. हमारा पड़ोसी देश भी बांग्लादेश करीब 400,000 शरणार्थियों की समस्याओं से जूझ रहा है. हम भारत सरकार के ‘ऑपरेशन इंसानियत’ के तहत बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए मदद भेजने के कदम का स्वागत करते हैं.

 

वेब डेस्क, IBC24