Supreme Court’s decision in NEET case Dharmendra Pradhan : नई दिल्ली। NEET रिजल्ट के बाद दाखिल की गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 छात्रों को फिर से परीक्षा देनी होगी। हम काउंसलिंग पर रोक नही लगाएंगे। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करके 2 हफ्ते में जवाब मांगा है। अब अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी। अब इस फैसले के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आना भी शुरू हो चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बयान दिया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “नीट मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया। करीब 24 लाख छात्रों ने नीट परीक्षा दी थी और करीब 13 लाख छात्रों ने क्वालिफाई किया। 13 भाषाओं में आयोजित परीक्षा के लिए करीब 4500 केंद्र बनाए गए थे। इस बार जब परीक्षा हुई तो 4500 केंद्रों में से 6 केंद्रों पर गलती से गलत प्रश्नपत्र भेज दिए गए। बाद में सही प्रश्नपत्र उपलब्ध कराए गए लेकिन इसमें थोड़ा समय लगा।
इन केंद्रों पर करीब 1563 छात्र परीक्षा दे रहे थे और उन्हें समय का नुकसान उठाना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के स्थायी आदेश में कहा गया है कि दोबारा परीक्षा की जगह ग्रेस मार्क्स दिए जाएं। एनटीए ने एक विशेषज्ञ समिति गठित की और ग्रेस मार्क्स नियम लागू किया। बाद में पता चला कि कुछ छात्रों को 100% अंक मिले हैं। इसके बाद कुछ लोग कोर्ट गए। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि 1563 छात्रों को नीट परीक्षा में दोबारा शामिल होने या मूल अंक (ग्रेस मार्क्स के बिना) स्वीकार करने का विकल्प दिया जाएगा।
मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करता हूं। भारत सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। एनटीए द्वारा आयोजित की जाने वाली नीट, जेईई और सीयूईटी परीक्षाओं में 50 लाख से अधिक छात्र शामिल होते हैं। परीक्षा में गड़बड़ी पैदा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी…”
#WATCH | Delhi: Union Education Minister Dharmendra Pradhan says “Regarding the NEET issue, the Supreme Court made a decision today. Around 24 lakh students appeared for the NEET exam and around 13 lakh students qualified. Around 4,500 centres are there for the exams conducted in… pic.twitter.com/TzjbR4oDwE
— ANI (@ANI) June 13, 2024