टैगोर भावना हैं, उनकी यादों को मिटाया नहीं जा सकता: विश्वभारती पट्टिका विवाद पर राज्यपाल ने कहा
टैगोर भावना हैं, उनकी यादों को मिटाया नहीं जा सकता: विश्वभारती पट्टिका विवाद पर राज्यपाल ने कहा
कोलकाता, एक नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने बुधवार को कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर एक भावना हैं तथा उनकी यादों को न तो मिटाया जा सकता है और न ही नजरअंदाज किया जा सकता है।
बोस ने यह टिप्पणी टैगोर द्वारा स्थापित विश्वभारती को यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर का दर्जा मिलने के बाद लगाई गई पट्टिका को लेकर उत्पन्न विवाद के बारे में संवाददाताओं द्वारा पूछे गए सवाल के बाद की।
बीरभूम जिले के शांतिनिकेतन में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में लगाई गई पट्टिका में टैगोर के नाम का उल्लेख नहीं है जबकि कुलाधिपति होने के नाते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती का नाम है।
विश्वविद्यालय के रेक्टर की भूमिका निभा रहे बोस ने एक कार्यक्रम से इतर कहा, ‘‘टैगोर एक अनुभूति हैं, वह भारतीयों के खून और दिलों में बहने वाली भावना हैं। ऐसा कोई क्षण नहीं हो सकता जब टैगोर की यादों को भुलाया या नजरअंदाज किया जा सके।’’
करीब एक सदी पहले साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित टैगोर ने विश्व भारती की स्थापना की थी। इस साल सितंबर में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर का दर्जा दिया था।
तृणमूल कांग्रेस संबंधित पट्टिका हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है।
भाषा धीरज नेत्रपाल
नेत्रपाल

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