चेन्नई, नौ अक्टूबर (भाषा) तमिलनाडु सरकार ने शनिवार को कहा कि कावेरी नदी और उसकी सहायक नदियों में हानिकारक कचरा डालने के मुद्दे पर गौर करने के लिए पांच समितियों का गठन किया गया है। राज्य सरकार ने साथ ही यह आश्वासन भी दिया कि राज्य में जल संसाधनों की रक्षा के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
राज्य के पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री शिव वी मयनाथन ने कहा कि प्रदूषण के स्तर का पता लगाने और उचित कार्रवाई शुरू करने के लिए कई क्षेत्रों से पानी के नमूने प्राप्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के मार्गदर्शन में तमिलनाडु में कावेरी सहित नदियों के प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठा रही है।
मंत्री ने कहा, ‘‘नवीनतम पहल 6 अक्टूबर को तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) को शामिल करते हुए पांच समितियों का गठन करना है ताकि यह निगरानी की जा सके कि क्या एरोड, कुमारपालयम, पल्लीपालयम, करूर और तिरुपुर में रंगाई इकाइयों से बिना उपचारित अपशिष्ट कावेरी और उसकी सहायक नदियों में छोड़ा गया था।’’
मंत्री ने यहां एक बयान में कहा कि समितियां उपरोक्त क्षेत्रों में इकाइयों का निरीक्षण कर रही हैं।
इसके अलावा, टीएनपीसीबी और आईआईटी (एम) टीम के इंजीनियरों ने 9 अक्टूबर को मेट्टूर से मयिलादुतुराई तक विभिन्न स्थानों से नमूने एकत्र किए हैं और उन्हें आईआईटी मद्रास के इस निष्कर्षों के मद्देनजर विश्लेषण के लिए भेजा है कि कावेरी नदी औषधीय रूप से सक्रिय यौगिकों, प्लास्टिक, भारी धातु और कीटनाशक आदि से प्रदूषित है।
यह अध्ययन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार और ब्रिटेन प्राकृतिक पर्यावरण अनुसंधान परिषद के संयुक्त वित्त पोषण के साथ किया गया था।
भाषा अमित पवनेश
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