तमिलनाडु सरकार ने पट्टा समझौता समाप्त कर मद्रास रेस क्लब का अधिग्रहण किया |

तमिलनाडु सरकार ने पट्टा समझौता समाप्त कर मद्रास रेस क्लब का अधिग्रहण किया

तमिलनाडु सरकार ने पट्टा समझौता समाप्त कर मद्रास रेस क्लब का अधिग्रहण किया

:   Modified Date:  September 10, 2024 / 03:39 PM IST, Published Date : September 10, 2024/3:39 pm IST

चेन्नई, 10 सितंबर (भाषा) तमिलनाडु के राजस्व विभाग ने 730.86 करोड़ रुपये के संशोधित किराये के बकाया और अवैध निर्माण के आरोपों के बीच गिंडी स्थित ऐतिहासिक मद्रास रेस क्लब (एमआरसी) को अपने नियंत्रण में ले लिया है।

इस क्लब में पूर्व में कई घुड़दौड़ आयोजित की गई हैं। सोमवार को सुबह जब राजस्व अधिकारियों ने एमआरसी के 160 एकड़ भूमि पर कब्जा करने की घोषणा करते हुए उसे सील कर दिया तो उस समय ट्रैक पर काम कर रहे प्रशिक्षकों और घुड़सवारों को वहां से चले जाने को कहा गया और लगभग 500 घोड़ों को अस्तबल के अंदर बंद कर दिया गया, ।

तमिलनाडु सरकार ने चेन्नई के मद्रास रेस क्लब के साथ 1945 में हस्ताक्षरित 99-वर्षीय पट्टा समझौते को रद्द कर दिया था। सरकार अब उचित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए इसकी संपत्ति को अपने कब्जे में लेने जा रही है।

सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि क्लब को पट्टे पर दी गई भूमि पर कब्जा लेने से पहले एमआरसी को नोटिस जारी करने की उचित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।

छह सितंबर को जारी सरकारी आदेश में चेन्नई के जिलाधिकारी की एक रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें क्लब द्वारा किए गए उल्लंघनों की ओर इशारा किया गया। इसमें बैंक्वेट हॉल का अवैध निर्माण, मद्रास जिमखाना क्लब को पट्टे पर दिए गए हिस्से में अपनी गतिविधियां जारी रखने की अनुमति, राज्य सरकार की अनुमति के बिना भवनों का निर्माण करना और गोल्फ क्लब को संचालित करने की अनुमति देना जैसी गतिविधियों का उल्लेख किया गया है।

महाधिवक्ता पी एस रमन ने कहा कि सरकार ने भूमि पर कब्जा करने के लिए नहीं केवल ‘‘पट्टा समाप्त करने’’ के लिए सरकारी आदेश जारी किया था। उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस एस सुन्दर और न्यायमूर्ति के राजशेखर की पीठ को सूचित किया कि ‘‘क्लब को पट्टा समझौते को समाप्त करने तथा भूमि पर कब्जा लेने के संबंध में नोटिस जारी कर अलग से कार्यवाही शुरू की जाएगी।’’

यह जानकारी तब दी गई जब सोमवार को बेदखली प्रक्रिया को रोकने के लिए एमआरसी द्वारा दायर एक तत्काल याचिका पर सुनवाई हुई। क्लब की ओर से उपस्थित वरिष्ठ वकील ए एल सोमयाजी ने दलील दी कि सरकार ने उनके मुवक्किल की बात सुने बिना ही ‘‘अलोकतांत्रिक तरीके’’ से भूमि पर कब्जा करने का प्रयास किया है।

अधिवक्ता वैभव आर. वेंकटेश ने दलील दी कि पट्टा समझौता एक अप्रैल, 2045 तक वैध है और क्लब को संपत्ति से वंचित नहीं किया जाना चाहिए, विशेषकर तब जब बकाया किराये से संबंधित अपील अभी भी अदालत में लंबित है।

भाषा आशीष नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)