बच्चों को महान संस्कृति एवं महापुरूषों की जीवनी पढ़ाएं: गहलोत |

बच्चों को महान संस्कृति एवं महापुरूषों की जीवनी पढ़ाएं: गहलोत

बच्चों को महान संस्कृति एवं महापुरूषों की जीवनी पढ़ाएं: गहलोत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : November 14, 2022/2:11 pm IST

जयपुर, 14 नवम्बर (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं जिनका शिक्षित एवं संस्कारी होना बहुत आवश्यक है।

उन्होंने मुख्यमंत्री निवास पर बाल दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय बाल अधिकार सप्ताह के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं, उन्हें एवं युवा पीढ़ी को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी दिए जाएं। मुख्यमंत्री का कहना था कि इनका शिक्षित होने के साथ ही संस्कारी होना भी आवश्यक है, जिसके लिए जरूरी है कि उन्हें देश-प्रदेश की महान संस्कृति, महापुरूषों के आदर्शों, संघर्ष, त्याग, बलिदान एवं समर्पण के बारे में पढ़ाया जाएं।

उन्होंने बच्चों से कहा कि वे महात्मा गांधी, पं. जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, डॉ. भीमराव अंबेडकर सहित आजादी और देश की प्रगति में अहम भूमिका निभाने वाले महापुरूषों की जीवनी पढ़ें एवं देश के स्वर्णिम इतिहास को जानने के साथ संस्कारवान बनें।

उन्होंने उनसे आह्वान किया कि वे देश और प्रदेश की महान परम्परा और संस्कृति को अपनाएं तथा देश की प्रगति के लिए अपने आप को समर्पित करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ एक संस्कारवान पीढ़ी तैयार करना सरकार और समाज की बड़ी जिम्मेदारी है। उनके अनुसार राज्य सरकार द्वारा बच्चों में साहित्य के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी बनाई गई है।

गहलोत ने कहा कि प्रदेश में बाल हितों के संरक्षण के लिए सरकार निरंतर काम कर रही है तथा विभाग और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग भी इस दिशा में प्रभावी भूमिका निभा रहा है।

भाष पृथ्वी मनीषा राजकुमार

राजकुमार

 

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