प्रौद्योगिकी ने भारत को साफ्ट पावर से साफ्टवेयर पावर बनाया : उपराष्ट्रपति धनखड़ |

प्रौद्योगिकी ने भारत को साफ्ट पावर से साफ्टवेयर पावर बनाया : उपराष्ट्रपति धनखड़

प्रौद्योगिकी ने भारत को साफ्ट पावर से साफ्टवेयर पावर बनाया : उपराष्ट्रपति धनखड़

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:34 PM IST, Published Date : November 25, 2022/5:04 pm IST

नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि प्रौद्योगिकी ने सही अर्थो में शासन का लोकतांत्रिकरण करके इसे अमल योग्य एवं जवाबदेह बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने भारत को साफ्ट पावर से वैश्विक कल्याण के लिये साफ्टवेयर पावर के रूप में परिवर्तित किया है।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने आज ग्रेटर नोएडा में यूनेस्को इंडिया अफ्रीका हैकाथॉन 2022 के समापन समारोह को सम्बोधित किया। 36 घंटे के इस हैकाथॉन में भारत सहित 22 अफ्रीकी देशों के 581 छात्रों ने भाग लिया, और विभिन्न सामाजिक, तकनीकी और पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान सुझाये।

धनखड़ ने कहा, ‘‘ भारत आगे बढ़ रहा है, जैसे पहले कभी नहीं था । आज हम दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इस दशक के अंत तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। ’’

उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने सही अर्थों में शासन का लोकतांत्रिकरण करके इसे अमल योग्य एवं जवाबदेह बनाया है और भारत को साफ्ट पावर से वैश्विक कल्याण के लिये साफ्टवेयर पावर के रूप में परिवर्तित किया है।

उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ भारत ने तत्परता से प्रभावी, पारदर्शी एवं जवाबदेह लोक सेवा प्रदान करने के लिये सफलतापूर्वक वृहद सार्वजनिक डिजिटल आधारभूत ढांचा सृजित किया है। ’’

उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान भी दुनिया ने भारत की विनिर्माण क्षमता को देखा जब इसने अपने मित्रों को टीका, दवाएं, उपकरण आदि प्रदान किए ।

धनखड़ ने कहा कि महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में हमारी आत्मनिर्भर रणनीति से हमें टिके रहने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने में मदद की।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत के प्रयास तुच्छ निजी स्वार्थ के लिये नहीं बल्कि दुनिया के लिये हैं । उन्होंने कहा कि महामारी के बाद भारत ने न केवल प्रभावी ढंग से सुधार दर्ज किया बल्कि निवेश, नवाचार और उद्यमिता के एक बड़े केंद्र के रूप में उभरा ।

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि 36 घंटे के इस हैकाथॉन में भारत सहित 22 अफ्रीकी देशों के छात्रों ने हिस्सा लिया जिसमें से 340 अफ्रीकी देशों के छात्र, 230 भारतीय दात्र शामिल हैं ।

उन्होंने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी ने जीवन के हर क्षेत्र में नवाचार एवं उद्यमिता के नये द्वार खोले हैं तथा शिक्षा मंत्रालय का नवाचार प्रकोष्ठ भविष्योन्मुखी कार्यक्रमों पर काम करने में जुटा हुआ है।

यूनेस्को इंडिया-अफ्रीका हैकाथॉन 22 से 25 नवंबर तक आयोजित किया गया । इसके मुख्य विषयों में शिक्षा, ऊर्जा, पेयजल एवं स्वच्छता, कृषि तथा स्वास्थ्य एवं स्वच्छता शामिल थे । इसमें शिक्षा शीर्षक के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच को बेहतर बनाने के लिए डिजिटल क्रांति की शक्ति के उपयोग तथा भारत एवं अफ्रीकी देशों को ‘‘सभी के लिए शिक्षा’’ का लक्ष्य हासिल करने के विषय पर मंथन किया गया ।

हैकाथॉन में ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया में बदलाव लाने के लिए टिकाऊ विकास लक्ष्यों के अनुरूप नवोन्मेषी विचार को अपनाने एवं उनका उपयोग करने पर चर्चा की गई। इसमें हिस्सा लेने वाले पेयजल एवं स्वच्छता के विषय में इन देशों के सहभागी प्रदूषण कम करके जल की गुणवत्ता को बेहतर बनाने, हानिकारक रासायनिक पदार्थों एवं वस्तुओं को फेंकना कम करने के बारे में रास्तों पर विचारों का आदान प्रदान किया गया।

इसके अलावा कृषि क्षेत्र में सतत खाद्य उत्पादन प्रणाली सुनिश्चित करने एवं उत्पादकता बढ़ाने तथा पर्याप्त साफ-सफाई के जरिये सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने पर भी प्रतिभागियों ने गहन विचार विमर्श किया ।

हैकाथॉन का आयोजन नोएडा स्थित गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में किया गया । इसमें मेजबान भारत के अलावा 22 देशों ने हिस्सा लिया । इन देशों में बोत्सवाना, कैमरून, इक्वेटोरियल गिनी, एस्वातिनी, इथोपिया, गाम्बिया, घाना, गिनी बिसाउ, लेसोथो, टोगो,मलावी, माली, मॉरिशस, केन्या, सियारालियोन, मोरक्को, मोजांबिक, नामिबिया, नाइजर, तंजानिया, उगांडा और जिम्बाव्वे शामिल हैं।

भाषा दीपक दीपक माधव

माधव

 

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