मां ने बेटे को डांटा तो बैट-कैंची से कर दी हत्या, बहन की भी ले ली जान

मां ने बेटे को डांटा तो बैट-कैंची से कर दी हत्या, बहन की भी ले ली जान

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  • Publish Date - December 9, 2017 / 11:59 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

गौर सिटी, ग्रेटर नोएडा। अक्सर ये देखने में आता है कि अगर बच्चे ठीक से पढ़ाई नहीं करते तो मां-बाप उन्हें डांटते-फटकारते या कभी-कभी तो मारते भी हैं। आपने ये भी महसूस किया होगा कि कुछ मां-बाप अपने ही दो बच्चों की एक-दूसरे से तुलना करते हैं और न पढ़ने वाले बच्चे को उसके भाई या उसकी बहन के अच्छे रिजल्ट का हवाला देते हैं। अगर आप भी उनमें से हैं तो आपको ये ख़बर ज़रूर पढ़नी चाहिए।

 

5 दिसंबर, मंगलवार, देर शाम का वक्त, गौर सिटी 2 के टावर जी, फ्लैट नंबर 1446 का ताला तोड़ा जा रहा था। अपार्टमेंट की इस गैलरी में उस वक्त मौजूद सभी लोगों के चेहरे पर कुछ अनहोनी के भाव साफ नज़र आ रहे थे, सन्नाटा इस कदर पसरा था कि सिर्फ ताला तोड़े जाने की आवाज़ सुनाई दे रही थी और जैसे ही ताला खुला सबकी आंखें खुली की खुली रह गईं क्योंकि वहां पड़ी थीं दो लाशें, खून से बुरी तरह लथपथ। ये फ्लैट टाइल्स कारोबारी अग्रवाल परिवार का है, जिनके घर में उनकी पत्नी, बेटा और बेटी रह रहे थे। बिजनेस के सिलसिले में खुद अग्रवाल अक्सर बाहर रहा करते थे। 4 दिसंबर को परिवार के एक करीबी रिश्तेदार बार-बार फोन कर रहा था, किसी ने मोबाइल नहीं उठाया, तो उन्होंने रात को पास ही रहने वाले एक और रिश्तेदार से पता करने को कहा। जब वे अगली सुबह वहां पहुंचे तो देखा कि अखबार दरवाजे के बाहर ही पड़ा है और दरवाजा बाहर से लॉक है। उन्होंने खिड़की से अंदर झांकने की कोशिश की तो अनहोनी का शक हुआ और इसी के बाद पुलिस बुलाई गई, जिसने ताला तोड़ा तो अंदर पड़ी मिली मां-बेटी की लाश।

 

पुलिस ने पड़ोस के फ्लैट और सोसायटी में रहने वाले बाकी परिवारों के सदस्यों से पूछताछ की तो सबने ये बात बताई कि लड़का गुस्सैल स्वभाव का है और अक्सर झगड़ा करता रहता था, लेकिन ये पूछे जाने पर कि क्या वो हत्यारा हो सकता है, किसी ने भी जवाब नहीं दिया। इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने का काम किया, जिसमें चौंकाने वाली बात सामने आई। सीसीटीवी फुटेज में रात 8 बजकर 16 मिनट पर आरोपी (जो नाबालिग है, इसलिए उसका नाम हम नहीं बता सकते) अपनी मां और बहन के साथ बाहर से आता दिखाई दे रहा है। पता चला कि वो मार्केट से कुछ सामान लेकर फ्लैट लौट रहे थे। इसके बाद वे लिफ्ट में घुस जाते हैं। यहां तक तो सब सामान्य दिखता है, लेकिन इसके बाद की फुटेज में रात 11 बजकर 15 मिनट पर उसी लिफ्ट से वो घर से बाहर जाते हुए दिखा और इस बार उसने दूसरे कपड़े पहन रखे थे। इस फुटेज में उसकी पीठ पर बैग लटका है और हाथ में मोबाइल फोन। यही वो वक्त भी था, जब रिश्तेदार ने फोन पर संपर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया था। अब पुलिस का शक गहराता जा रहा था, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये था कि आखिर आरोपी बच्चा गया तो कहां गया?

 

शुक्रवार, दोपहर का वक्त, पत्नी और बेटी की हत्या और बेटे के लापता होने से बुरी तरह टूट चुके अग्रवाल के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से फोन आया। उन्होंने फोन उठाया तो उनके ही बेटे का फोन था, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को इस कॉल की जानकारी दी। पुलिस ने उस नंबर पर फोन किया तो किसी दूसरे व्यक्ति ने उठाया, पुलिस ने उससे पूछा कि थोड़ी देर पहले जिस बच्चे ने इस नंबर से फोन किया था, उसपर नज़र रखे क्योंकि उसकी तलाश की जा रही है। ये फोन मुगलसराय से आया था, इसलिए पुलिस की टीम फ्लाइट से वाराणसी के लिए रवाना हुई। उधर उस व्यक्ति ने लगातार आरोपी बच्चे पर नजर बनाए रखी और दशाश्वमेध घाट पर नोएडा पुलिस ने जब बच्चे को दबोचा तो उस वक्त भी वो वहीं पर था। 

 

 

पुलिस को ये देखकर हैरानी हुई कि बच्चा पूरी तरह सामान्य था, उसके चेहरे पर कोई अपराध या डर के भाव नहीं थे। उसके पास से मृतका का मोबाइल फोन भी बरामद किया गया और पूछताछ में जो सच सामने आया, वो बेहद डरावना और किसी को भी अंदर तक हिला देने वाला है।आरोपी बच्चे ने बताया कि उसकी मां ने उसे पढ़ाई नहीं करने पर डांटा था और उसकी छोटी बहन की प्रशंसा की थी, बहन पढ़ने में अच्छी थी इसलिए उसे ज्यादा प्यार भी मिलता था, जिससे वो गुस्से में था। घटना वाले दिन  वाली रात उसने पहले क्रिकेट बैट से अपनी मां पर सात बार वार किया, इसी बीच उसे लगा कि छोटी बहन जाग गई है तो उसने उसपर भी हमला कर दिया। दोनों कहीं जिंदा न हों, इसलिए उसने पिज्जा कटर और फिर कैंची से भी उनपर वार किया और फिर कपड़े बदलकर घर से डेढ़ लाख रुपये लेकर निकल गया। आरोपी बच्चे ने बताया कि ट्रेन में बैग और पैसे दोनों किसी ने चुरा लिए।

आरोपी बच्चे को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया, अब सबसे ज्यादा चिंता उसके पिता को इस बात को लेकर हो रही है कि वो क्या करें? पत्नी और बेटी की हत्या हो चुकी है और अपने बेटे के भविष्य को लेकर फिलहाल वो कुछ समझ सकने की मानसिक स्थिति में नहीं हैं। बच्चे को बाल सुधार गृह से निकलने के बाद किसी अच्छे स्कूल में दाखिला मिलने की कोई उम्मीद है नहीं और दो-दो हत्याओं का गुनाह साबित होने के बाद समाज स्वीकार करेगा नहीं। ये घटना समाज के लिए भी एक अलार्म है।

 

वेब डेस्क, IBC24