8th Pay Commission Total Cost: 8वां वेतनमान लागू होने पर कितना बढ़ेगा सरकारों पर खर्च?.. वेतन, पेंशन और एरियर्स का आंकड़ा जानकर रह जायेंगे दंग, खुद देखें

8th Pay Commission Total Cost: अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग से केंद्र सरकार पर ₹2.4-3.2 लाख करोड़ तक का खर्च बढ़ सकता है, जो देश के सकल घरेलु उत्पाद का लगभग 0.6-0.8% होगा।

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  • Publish Date - December 7, 2025 / 12:30 PM IST,
    Updated On - December 7, 2025 / 12:31 PM IST

8th Pay Commission Total Cost || Image- IBC24 News Archive

HIGHLIGHTS
  • 8वें वेतन आयोग पर बड़ा खर्च
  • सरकार पर 3 लाख करोड़ बोझ
  • वित्तीय अनुशासन चुनौती बनी

8th Pay Commission Total Cost: नई दिल्ली: सरकारी कर्मचारियों को भुगतान किए जाने वाले महंगाई भत्ते में अगले साल यानि जनवरी 2026 से बड़ा बदलाव होने वाला है। रिपोर्ट की मानें तो जनवरी 2027 की शुरुआत में ही 8वां वेतन आयोग लागू कर दिया जाएगा। 8वें वेतन आयोग के तहत वेतन-भत्तों की गणना के लिए कमेटी का गठन किया है, जिसे 18 महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। लेकिन इस बीच आठवें वेतन आयोग को लेकर सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के मन में एक बड़ा सवाल घूम रहा है। सवाल यह है कि, 6वें और 7वें वेतनमान के मुकाबले आठवें वेतनमान को पूरी तरह से लागू करने पर सरकार पर कितना वित्तीय बोझ आएगा? तो आइये जानते है इस सवाल का जवाब

बिजनेस वेबसाइट मनीकंट्रोल के मुताबिक़ 2016 में जब 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हुई थीं, तब सरकारी खजाने पर लगभग ₹1 लाख करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ा था। इससे उस समय वित्तीय घाटा में करीब 0.6-0.7% GDP की बढ़ोतरी हुई थी। अब अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग से केंद्र सरकार पर ₹2.4-3.2 लाख करोड़ तक का खर्च बढ़ सकता है, जो देश के सकल घरेलु उत्पाद का लगभग 0.6-0.8% होगा। बात अगर कुल खर्च की करें तो यह 9 लाख करोड़ रूपये तक जा सकता है।

इससे सरकार का Revenue Expenditure यानी खर्च बढ़ेगा। अगर इसे संतुलित करने के लिए टैक्स रेवेन्यू या बचत में वृद्धि नहीं हुई, तो सड़क, रेल, इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे प्रोजेक्ट्स पर असर पड़ सकता है। हालांकि, कर्मचारियों की आय बढ़ने से खपत (Consumption) में उछाल आ सकता है। इससे कंज्यूमर गुड्स, ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा मिलेगा।

Central Government Salary Hike 2026: सरकार के लिए संतुलन की चुनौती

8th Pay Commission Total Cost: अब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह कर्मचारियों के हितों और आर्थिक अनुशासन (Fiscal Discipline) के बीच सही संतुलन बनाए। वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी से कर्मचारियों का मनोबल और खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी, लेकिन अगर यह वृद्धि बहुत बड़ी हुई तो इसका असर देश की वित्तीय स्थिरता और विकास योजनाओं पर पड़ सकता है। सरकार को अब यह तय करना है कि कितनी बढ़ोतरी उचित है। इतनी कि कर्मचारियों को राहत मिले, लेकिन देश की आर्थिक स्थिति पर दबाव न पड़े।

Central Employees Salary Hike 2026: क्या मूल वेतन में मर्ज होगा बेसिक पे?

दरअसल पूर्व में उन्होंने यह तर्क दिया गया था कि DA को बेसिक पे में मर्ज न करने से सैलरी की वैल्यू में काफी कमी आई है। साथ ही यह मांग भी की गई थी कि सैलरी में रिवीजन हर 5 साल पर किया जाना चाहिए, न कि 10 साल पर। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स की यूनियंस अभी भी यह मांग कर रही हैं कि मौजूदा महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) को मूल वेतन (Basic Pay) में मिला दिया जाए। इसकी वजह है कि वर्तमान DA की दर वास्तविक खुदरा महंगाई की मार को कम करने में नाकाफी साबित हो रही है। इस बीच कई कर्मचारी यूनियनों और पेंशनर्स समूहों ने 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंसेज में पेंशन सुधार का स्पष्ट उल्लेख न होने पर नाराजगी जताई है। साथ ही इनमें आयोग की सिफारिशें लागू होने की तारीख का जिक्र न होने की भी बात कही गई है। हालांकि सरकार ने इस आशंका को दरकिनार करते हुए साफ कर दिया है कि, बेसिक पे को मूल वेतन में मर्ज नहीं किया जाएगा।

DA DR Merger Latest News: भत्तों में भी होगा बड़ा इजाफा!

8th Pay Commission Total Cost: 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था। माना जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग में यह 2.8 से 3.0 के बीच हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो कर्मचारियों के बेसिक वेतन में अच्छी खासी बढ़ोतरी देखी जा सकती है। हालांकि, महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) और अन्य सुविधाओं के बाद सैलरी कितनी बढ़ेगी, ये पता चलेगा।

अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी अभी 50,000 रुपये है और नया फिटमेंट फैक्टर 2.0 तय होता है, तो नई सैलरी होगी 50,000 × 2.0 = 1,00,000 रुपये होगी। इसके बाद इसमें हाउस रेंट अलाउंस और डीए आदि भत्ते जुड़ेंगे। इसके साथ ही HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस और DA यानी महंगाई भत्ता जैसे भत्ते भी बेसिक सैलरी के आधार पर बढ़ जाते हैं। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के 18 पे लेवल्स तय हैं।

DA DR Merger Order Latest News: ऐसे होगी सैलरी की गणना

फिटमेंट फैक्टर को पिछले वेतन आयोग की बेसिक सैलरी से गुणा करने पर नई सैलरी तय होती है। जैसे अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 35,000 रुपये है और नया फिटमेंट फैक्टर 2.11 तय होता है, तो नई बेसिक सैलरी 35,000 × 2.11 = 73,850 रुपये होगी।

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Q1. 8वें वेतन आयोग से सरकार पर कितना वित्तीय बोझ बढ़ेगा?

करीब ₹2.4 से ₹3.2 लाख करोड़ अतिरिक्त खर्च का अनुमान है।

Q2. 7वें वेतन आयोग का सरकारी खजाने पर क्या असर पड़ा था?

लगभग ₹1 लाख करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ा था।

Q3. क्या वेतन बढ़ोतरी से अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा?

हाँ, खपत बढ़ने से ऑटो, रियल एस्टेट और कंज्यूमर गुड्स सेक्टर को फायदा होगा।

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