‘फूलों की घाटी’ में ‘फॉक्सग्लोव’ का मनमोहक दृश्य भी पर्यटकों को आकर्षित नहीं कर पा रहा

‘फूलों की घाटी’ में ‘फॉक्सग्लोव’ का मनमोहक दृश्य भी पर्यटकों को आकर्षित नहीं कर पा रहा

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  • Publish Date - May 22, 2022 / 04:22 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:37 PM IST

भद्रवाह (जम्मू-कश्मीर), 22 मई (भाषा) कोविड-19 महामारी से पहले ‘फूलों की घाटी’ मई और मध्य जून के बीच भद्रवाह के आगंतुकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र हुआ करती थी, लेकिन इस साल वहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में गिरावट जारी है।

जम्मू-कश्मीर की ‘फूलों की घाटी’ में ‘फॉक्सग्लोव’ खिलता है, लेकिन यह भी पर्यटकों को आकर्षित नहीं कर पा रहा है।

‘फॉक्सग्लोव’ को आमतौर पर लोग ‘जीनियस डिजिटलिस’ भी कहते हैं। इसमें फूलों की 20 से अधिक प्रजातियां आती हैं, जो झाड़ियों या छोटे पौधों पर पनपती हैं।

भद्रवाह के जंगल और ऊंचाई वाले घास के मैदानों में उगने वाले ‘फॉक्सग्लोव’ का आकर्षक दृश्य भी पर्यटकों को खींचने में नाकाम साबित हो रहा है।

पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों ने इसके लिए पूरी तरह से भद्रवाह विकास प्राधिकरण (बीडीए) को जिम्मेदार ठहराया है।

भद्रवाह में ‘टूर एंड ट्रैवल्स एसोसिएशन’ के सचिव शेख मोहम्मद इशाक ने कहा, ‘‘हम पर्यटकों की संख्या में वृद्धि और महामारी के बाद पर्यटन क्षेत्र के पुनरुद्धार के लिए फॉक्सग्लोव पर बहुत अधिक निर्भर थे। लेकिन अज्ञात कारणों से अधिकारियों ने फूल प्रेमियों के बीच इस प्रमुख आकर्षण को ढंग से पेश नहीं किया।’’

इशाक के मुताबिक, इस बार पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होने की उम्मीद थी।

पंचायती राज संस्था के निर्वाचित सदस्य भी पर्यटन की वर्तमान स्थिति से चिंतित हैं और उन्होंने बीडीए के कामकाज पर निराशा व्यक्त की है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सदस्य ठाकुर युद्धवीर सिंह बलोरिया ने आरोप लगाया कि बीडीए की ‘‘विफलता’’ ने एक अच्छे पर्यटन मौसम की संभावना को धूमिल कर दिया है और इसलिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

संपर्क किए जाने पर डोडा के जिला विकास आयुक्त विकास शर्मा ने कहा कि वह इस मुद्दे को बीडीए के समक्ष उठाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि हंगा घाटी में जल्द से जल्द एक कार्यक्रम के आयोजन की योजना बनाई जाए।

शर्मा ने कहा, ‘‘जिला प्रशासन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। वह क्षेत्र में कई विकास कार्यों को भी शुरू करेगा।’’

भाषा

देवेंद्र पारुल

पारुल