न्यायालय ने दो लाख रुपये के नकद लेनदेन की सीमा को लागू करने के लिए कई निर्देश जारी किए

न्यायालय ने दो लाख रुपये के नकद लेनदेन की सीमा को लागू करने के लिए कई निर्देश जारी किए

न्यायालय ने दो लाख रुपये के नकद लेनदेन की सीमा को लागू करने के लिए कई निर्देश जारी किए
Modified Date: April 16, 2025 / 09:30 pm IST
Published Date: April 16, 2025 9:30 pm IST

नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को वित्त अधिनियम 2017 के प्रावधानों (जिसमें नकद लेनदेन की सीमा दो लाख रुपये तक सीमित की गई है) के असंतोषजनक कार्यान्वयन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब कोई कानून बना है, तो उसे लागू किया जाना चाहिए।

कई निर्देश जारी करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि जब भी ऐसा कोई मुकदमा आता है, तो अदालतों को अधिकार क्षेत्र वाले आयकर प्राधिकरण को इसकी सूचना देनी चाहिए जो कानून की तय प्रक्रिया का पालन करके उचित कदम उठाएगा।

सरकार ने वित्त अधिनियम 2017 के जरिए एक अप्रैल, 2017 से दो लाख रुपये या उससे अधिक के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ एक संपत्ति के स्वामित्व से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दावा किया गया था कि 10 अप्रैल 2018 को अग्रिम भुगतान के रूप में 75 लाख रुपये का नकद भुगतान किया गया था।

शीर्ष अदालत ने कहा कि मुकदमेबाजी न केवल लेनदेन के बारे में संदेह पैदा करती है बल्कि कानून का उल्लंघन भी दर्शाती है।

इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि जब भी कोई मुकदमा दायर किया जाता है जिसमें दावा किया जाता है कि किसी लेनदेन के लिए दो लाख रुपये और उससे अधिक का भुगतान नकद में किया गया है, तो अदालतों को लेनदेन और आयकर अधिनियम की धारा 269एसटी के उल्लंघन की पुष्टि के लिए क्षेत्राधिकार वाले आयकर विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए।

भाषा संतोष प्रशांत

प्रशांत


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