गुवाहाटी, 27 नवंबर (भाषा) असम-मेघालय सीमा पर हुई हिंसा में जान गंवाने वाले वन रक्षक बिदयासिंग लेखते के परिवार को 14 लाख रुपये का मुआवाज़ा और उनकी सेवानिवृत्ति की उम्र तक के वेतन के साथ-साथ उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी मिलेगी।
सीमा पर हुई हिंसा के तत्काल बाद असम सरकार ने जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवज़ा देने का ऐलान किया था। हिंसा में मेघालय के पांच ग्रामीण और वन सुरक्षा बल कर्मी की मौत हो गई थी।
एक अधिकारी ने बताया कि असम के पहाड़ी क्षेत्र विकास मंत्री जोगेन मोहन और कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी (सीईएम) सदस्य तुलीराम रोंगांग, लेखते के घर गए थे और उनके परिवार के लिए राहत उपायों की घोषणा की।
अधिकारी के मुताबिक, “ मोहन ने कहा कि वन विभाग परिवार को चार लाख रुपये देगा, जबकि रोंगहांग ने घोषणा की कि परिषद पांच लाख रुपये प्रदान करेगी। ये राशि असम सरकार द्वारा पहले ही घोषित की गई राशि के अतिरिक्त होगी।”
इसके अलावा, लेखते की पत्नी को जान गंवाने वन कर्मी की सेवानिवृत्ति की आयु तक का वेतन मिलता रहेगा।
अधिकारी ने कहा, ‘सीईएम ने कहा कि परिषद आने वाले दिनों में लेखते की पत्नी को सरकारी नौकरी देने के लिए जरूरी इंतजाम करेगी।’’
भाषा नोमान नरेश
नरेश
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