भारत के विकास का अगला अध्याय सशक्त महिलाओं द्वारा लिखा जाएगा : लोकसभा अध्यक्ष

भारत के विकास का अगला अध्याय सशक्त महिलाओं द्वारा लिखा जाएगा : लोकसभा अध्यक्ष

भारत के विकास का अगला अध्याय सशक्त महिलाओं द्वारा लिखा जाएगा : लोकसभा अध्यक्ष
Modified Date: September 14, 2025 / 09:19 pm IST
Published Date: September 14, 2025 9:19 pm IST

तिरुपति, 14 सितंबर (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कहा कि महिला आरक्षण कानून नेताओं की एक नयी पीढ़ी तैयार करेगा, जो नीतियों को आकार देंगी, प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेंगी और भारत का भविष्य तय करेंगी।

बिरला ने यहां ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ द कमेटी ऑन वूमेन पार्लियामेंट एंड स्टेट एंड यूनियन टेरीटरी लेजिस्लेचर्स’ के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने छात्राओं में 100 प्रतिशत साक्षरता हासिल करने की भी जोरदार वकालत की और कहा कि भारत तभी विकसित राष्ट्र के रूप में उभर सकता है, जब उसकी बेटियां शिक्षित और आत्मनिर्भर होंगी।

बिरला ने कहा, ‘‘भारत की कहानी का अगला अध्याय, निस्संदेह, इसकी सशक्त महिलाओं द्वारा लिखा जाएगा।’’

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आंध्र प्रदेश विधानसभा द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में 20 राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस सम्मेलन में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, आंध्र प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सी अय्यन्नापत्रुडु, भाजपा नेता और महिला सशक्तीकरण संबंधी संसदीय समिति की अध्यक्ष डी पुरंदेश्वरी सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को सम्मेलन में भाग लेना था, लेकिन खराब मौसम के कारण वे तिरुपति नहीं पहुंच सके।

बिरला ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि महिला आरक्षण कानून महज प्रतीकात्मकता से आगे बढ़कर महिलाओं को शासन में उनका उचित स्थान प्रदान करता है।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इससे महिला नेताओं की एक नयी पीढ़ी तैयार होगी जो नीतियों को आकार देंगी, प्रगति को गति देंगी और भारत के भविष्य की दिशा निर्धारित करेंगी।’’

बिरला ने कहा कि यह गर्व की बात है कि नए संसद भवन में पारित पहला विधेयक नारी शक्ति वंदन अधिनियम था, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करता है।

उन्होंने कहा कि विज्ञान से लेकर साहित्य तक, खेल से लेकर अंतरिक्ष अन्वेषण तक, भारतीय महिलाओं ने हर क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया है।

बिरला ने कहा, ‘‘भारत में दृढ़ निश्चयी महिला नेताओं की कोई कमी नहीं है जिनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने कड़ी मेहनत और समर्पण के माध्यम से लैंगिक भेदभाव जैसी सामाजिक बाधाओं को पार किया, अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया और सामाजिक परिवर्तन की लहर को प्रज्वलित किया। ’’

बिरला ने कहा कि आज महिलाएं केवल भागीदार ही नहीं, बल्कि नेतृत्वकर्ता, नवप्रवर्तक, पोषणकर्ता और उद्यमी भी हैं। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष अभियानों से लेकर ग्राम पंचायतों तक, रसोई से लेकर बोर्डरूम तक, महिलाएं अधिक स्वतंत्रता, शक्ति और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ रही हैं।

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि जहां कई विकसित लोकतंत्रों ने महिलाओं के अधिकारों को मान्यता देने में समय लिया, वहीं भारत के संविधान ने हमेशा महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक विकास के अभिन्न अंग के रूप में देखा है।

भाषा रवि कांत रवि कांत दिलीप

दिलीप


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