उत्तरकाशी, 27 सितंबर (भाषा) सतोपंथ चोटी के पास हाल में बर्फ में पड़े मिले एक शव के अवशेष 16 साल पहले पर्वतारोहण के दौरान लापता हुए सेना के जवान अनीश त्यागी के होने के मजबूत संकेतों के बीच सोमवार को इन्हें सैन्य सम्मान के साथ उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मोदीनगर स्थित उनके पैतृक गांव भेज दिया गया।
घर भेजने के लिए राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे अवशेषों को संदूक में रखे जाने से पहले जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में गार्ड ऑफ ऑर्नर दिया गया। प्रभारी जिलाधिकारी गौरव कुमार तथा सैन्य अधिकारियों ने जवान के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किए।
हाल में भारतीय सेना का एक दल स्वर्णिम विजय वर्ष के उपलक्ष्य में 7075 मीटर पर स्थित गंगोत्री घाटी की सबसे ऊंची चोटी सतोपंथ के आरोहण के लिए गया था। इसी दौरान 22 सितंबर को उसे एक पर्वतारोही के शव के अवशेष मिले थे जिन्हें सेना के जवानों ने एकत्रित कर गंगोत्री पहुंचाया और पुलिस को सौंप दिया था।
सेना ने बरामद शव के अवशेषों तथा उस पर सेना के कपड़ों को देखते हुए उसके वर्ष 2005 में सतोपंथ आरोहण के दौरान हिमस्खलन में लापता हुए नायक अनीश त्यागी के होने की संभावना जताई थी।
हालांकि, पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमॉर्टम भी कराया है और उसका डीएनए नमूना भी लिया है ।
लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षदीप गहलोत ने बताया कि वर्ष 2005 की घटना की परिस्थितियों व शव के मिलने के स्थान के आधार पर उसके सैनिक अनीश त्यागी होने की संभावना व्यक्त की गयी है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 के दल के सदस्यों से भी इसे लेकर बातचीत की गई है जबकि सैनिक के परिजनों से भी रविवार को इस संबंध में बात हुई।
इस बीच, पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्र ने कहा कि जब तक डीएनए जांच नही होती, वह इसकी पुष्टि नहीं कर सकते।
भाषा सं दीप्ति
दीप्ति नेत्रपाल
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