गुलाम नबी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के इस नेता के भी बदले सुर, जानें क्यों कही धक्के मारकर निकालने की बात

Sharp words of Congress MP: गुलाम नबी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के इस नेता के भी बदले सुर, जानें क्यों कही धक्के मारकर निकालने की बात

गुलाम नबी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के इस नेता के भी बदले सुर, जानें क्यों कही धक्के मारकर निकालने की बात

Sharp words of Congress MP

Modified Date: November 29, 2022 / 07:56 pm IST
Published Date: August 27, 2022 2:53 pm IST

Sharp words of Congress MP: नई दिल्ली। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने अपना इस्तीफा दे दिया। इस सियासी घटना के बाद कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। कल के इस्तीफे के बाद बयानवजी का दौर लगातार जारी है। गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के एक दिन बाद अब पंजाब के आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अपनी पार्टी को फिर एकबार नसीहत दी है। मनीष तिवारी ने कहा, ‘मैं गुलाम नबी आजाद पर कमेंट नहीं करना चाहता। उनके पत्र के गुण-दोष में नहीं जाना चाहता। वह समझाने की सबसे अच्छी स्थिति में होंगे। पार्टी के बारे में “ज्ञान” हास्यास्पद है।

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किराएदार नहीं हिस्सेदार है हम

Sharp words of Congress MP: उन्होंने कहा है कि जी-23 ने जो कांग्रेस सुप्रीमो को पार्टी की स्थिति को लेकर चिट्ठी लिखी थी, अगर उस पर ध्यान दिया गया होता तो आज ऐसी स्थिति नहीं आती। साथ ही अपनी स्थिति साफ करते हुए उन्होंने कहा कि ‘हमें किसी से कोई सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। मैंने 42 साल इस पार्टी को दिए हैं। जिन लोगों ने पत्र लिखे हैं, उन्होंने मुझसे ज्यादा समय पार्टी को दिया है। इस संस्था में हम किराएदार नहीं है, हिस्सेदार हैं। आप धक्के मारकर निकालने की कोशिश करोगे तो देखा जाएगा।’

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पार्टी की स्थिति चिंताजनक

Sharp words of Congress MP: हममें से 23 लोगों ने 2 साल पहले सोनिया गांधी को लिखा था कि पार्टी की स्थिति चिंताजनक है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उस पत्र के बाद कांग्रेस सभी विधानसभा चुनाव हार गई। अगर कांग्रेस और भारत एक जैसे सोचते हैं, तो लगता है कि दोनों में से किसी एक ने अलग-अलग सोचना शुरू कर दिया है। मुझे लगता है कि 20 दिसंबर 2020 को सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक में सहमति बन गई होती तो आज पार्टी के सीनियर नेता छोड़कर नहीं जाते।’

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