वायुसेना की तीन इकाइयों को पूर्वी लद्दाख में भूमिका के लिए मिला प्रशस्ति पत्र |

वायुसेना की तीन इकाइयों को पूर्वी लद्दाख में भूमिका के लिए मिला प्रशस्ति पत्र

वायुसेना की तीन इकाइयों को पूर्वी लद्दाख में भूमिका के लिए मिला प्रशस्ति पत्र

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : October 8, 2021/4:27 pm IST

हिंडन (उत्तर प्रदेश), आठ अक्टूबर (भाषा) वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने पिछले साल चीन के साथ सैन्य गतिरोध के बाद पूर्वी लद्दाख में भारत की सैन्य उपस्थिति को मजबूत बनाने में अहम भूमिका के लिए भारतीय वायु सेना के तीन स्क्वाड्रनों को शुक्रवार को ‘यूनिट प्रशस्ति पत्र’ से सम्मानित किया।

अधिकारियों ने बताया कि जिन तीन इकाइयों को वायुसेना अध्यक्ष के प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया उनमें नंबर 47 स्क्वाड्रन, 116 हेलीकॉप्टर यूनिट और 2255 स्क्वाड्रन शामिल हैं। नंबर 47 स्क्वाड्रन मिग -29 लड़ाकू विमानों से लैस है वहीं 2255 स्क्वाड्रन सतह से हवा में निर्देशित हथियारों का संचालन करती हैं।

राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी हिस्से में स्थित हिंडन एयरबेस पर 89वें वायु सेना दिवस समारोह के दौरान इन इकाइयों को सम्मानित किया गया।

पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच करीब 17 महीनों से सीमा गतिरोध बना हुआ है। हालांकि दोनों देशों ने टकराव वाले कई स्थानों से अपने सैनिक हटाए हैं।

नंबर 47 स्क्वाड्रन की स्थापना 1959 में हुयी थी और अभी यह उन्नत मिग-29 विमानों से लैस है। फरवरी 2019 में बालाकोट हवाई हमले के बाद स्क्वाड्रन को वायु रक्षा भूमिका में तैनात किया गया था।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘इस स्क्वाड्रन ने बड़े पैमाने पर उड़ानें भरीं और यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर निगरानी की कि हमारे विरोधी कोई दुस्साहस नहीं करें। मई 2020 में, स्क्वाड्रन को उत्तरी सेक्टर में हवाई रक्षा के साथ ही हवा से जमीन पर निगरानी के लिए तैनात किया गया था…, और ऊंचाई पर व्यापक अभियान चलाया।’

अगस्त 1967 में गठित 116 हेलीकॉप्टर इकाई उन्नत हल्के हेलीकाप्टर (मार्क चार) रुद्र से सुसज्जित है।

उन्होंने कहा कि गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के बाद इस यूनिट को लद्दाख क्षेत्र में ऊंचाई वाले हवाई क्षेत्र में आक्रामक अभियानों के लिए तैनात किया गया था।

पूर्वी लद्दाख में पिछले साल मध्य जून में तनाव बढ़ने के बाद भारतीय वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अन्य जगहों पर अपने लगभग सभी अग्रिम लड़ाकू विमानों जैसे कि सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 विमानों के साथ ही आक्रमण करने में सक्षम हेलीकॉप्टरों को तैनात किया था।

भाषा अविनाश माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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