दिल्ली-एनसीआर में हर चार में से तीन परिवार जहरीली हवा के दुष्प्रभाव महसूस कर रहे

दिल्ली-एनसीआर में हर चार में से तीन परिवार जहरीली हवा के दुष्प्रभाव महसूस कर रहे

दिल्ली-एनसीआर में हर चार में से तीन परिवार जहरीली हवा के दुष्प्रभाव महसूस कर रहे
Modified Date: October 25, 2025 / 08:19 pm IST
Published Date: October 25, 2025 8:19 pm IST

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में हर चार में से तीन परिवार अभी से जहरीली हवा के दुष्प्रभाव महसूस कर रहे हैं, जिनमें गले में खराश और खांसी से लेकर आंखों में जलन, सिरदर्द और नींद संबंधी परेशानियां शामिल हैं। ‘लोकल सर्किल्स’ की ओर से किए गए एक ऑनलाइन सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में पीएम 2.5 कणों का स्तर 488 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है, जबकि त्योहार से पहले के स्तर यानी 156.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से तीन गुना ज्यादा है।

दिवाली की रात 20 अक्टूबर को और इसकी अगली सुबह प्रदूषण का स्तर अपने चरम पर था।

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‘लोकल सर्किल्स’ के सर्वेक्षण में दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के 44 हजार से अधिक लोग शामिल हुए। 42 प्रतिशत परिवारों ने बताया कि एक या एक से अधिक सदस्य गले में खराश या खांसी से पीड़ित हैं, जबकि 25 प्रतिशत ने कहा कि परिवार के सदस्यों को आंखों में जलन, सिरदर्द या नींद नहीं आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

सर्वेक्षण में शामिल लगभग 17 प्रतिशत लोगों ने सांस लेने में कठिनाई या अस्थमा की समस्या बढ़ने की बात कही।

‘लोकल सर्किल्स’ के अनुसार, 44 प्रतिशत परिवार खराब वायु गुणवत्ता से निपटने के लिए बाहर निकलना कम कर रहे हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

सर्वेक्षण में शामिल लगभग एक-तिहाई लोगों ने कहा कि उन्होंने प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों के लिए चिकित्सकों से परामर्श लिया है या इसकी योजना बना रहे हैं।

बाढ़ और फसलों की कटाई में देरी के कारण पंजाब तथा हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 77.5 प्रतिशत की कमी के बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। यहां कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के पार हो गया है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से निर्धारित सीमा से 24 गुना अधिक है।

सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, शनिवार सुबह दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 261 था, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है, जबकि एक दिन पहले यह 290 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार में एक्यूआई 415 था, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है और यह सभी निगरानी केंद्रों में सबसे अधिक है।

भाषा यासिर पारुल

पारुल


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