आत्मचिंतन का वक्त कि क्या राज्यपाल को कुलाधिपति बनाया जाना चाहिए या नहीं : बंगाल मंत्री |

आत्मचिंतन का वक्त कि क्या राज्यपाल को कुलाधिपति बनाया जाना चाहिए या नहीं : बंगाल मंत्री

आत्मचिंतन का वक्त कि क्या राज्यपाल को कुलाधिपति बनाया जाना चाहिए या नहीं : बंगाल मंत्री

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : December 24, 2021/11:00 pm IST

कोलकाता, 24 दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने शुक्रवार को कहा कि यह आत्ममंथन करने का सही समय है कि क्या राज्यपाल को स्वत: राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए, क्योंकि कई प्रतिष्ठित विद्वान इस पद के लिए पात्र हैं।

बसु की यह टिप्पणी राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा बुलाई गई बैठक में विश्वविद्यालय प्रमुखों के शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताने के कुछ घंटे बाद आई है।

उन्होंने दावा किया कि शिक्षाविदों को राज्य सरकार द्वारा धमकाया गया है। पश्चिम बंगाल में कार्यभार संभालने के बाद से उनकी भिड़ंत राज्य सरकार के साथ जारी है।

बसु ने ट्विटर पर कहा, ‘‘यह आत्मनिरीक्षण करने का सही समय है कि क्या हमें राज्यपाल की औपनिवेशिक विरासत को केवल उनके पद के आधार पर विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में जारी रखना चाहिए या हमें प्रतिष्ठित विद्वानों और शिक्षाविदों को कुलाधिपति के रूप में नामित करना चाहिए।’’

इससे पहले दिन में बसु ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि सरकार धनखड़ को राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद से हटाने के लिए संवैधानिक और कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तब तक के लिए अंतरिम चांसलर बनाया जाना चाहिए, जब तक कि किसी को कुलाधिपति पद के लिए चयनित नहीं किया जाता।

भाषा

सुरेश रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)