Highways से हट जाएंगे टोल प्लाजा, सरकार लाने जा रही ये नया सिस्टम, जानकर खुशी से उछल पड़ेंगे आप

फास्टैग (Fastag) को लेकर टोल पर ट्रैफिक को और तेजी से निकलने के लिए काफी प्रयास किया जा रहा है। अब जीपीएस (GPS) आधारित टोल कलेक्शन की मदद से टोल प्लाजा ही खत्म करने पर विचार हो रहा है।

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  • Publish Date - September 12, 2022 / 11:05 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

Toll Plazas In India: देशभर के सभी हाईवे पर जल्द ही टोल प्लाजा ख़त्म हो सकता है। जिसके बाद लोगों को टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम से भी छुटकारा मिल सकता है। फास्टैग (Fastag) को लेकर टोल पर ट्रैफिक को और तेजी से निकलने के लिए काफी प्रयास किया जा रहा है। अब जीपीएस (GPS) आधारित टोल कलेक्शन की मदद से टोल प्लाजा ही खत्म करने पर विचार हो रहा है।

ऐक्ट में करना होगा बदलाव

जीपीएस आधारित टोल सिस्टम के लिए मोटर व्हीकल ऐक्ट (Motor Vehicle Act) में भी कुछ बदलाव करना होगा। यह प्लान सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ मिलकर तैयार किया है। जीपीएस आधारित टोल के टेक्नोलॉजी भारत में है और इसे बहुत कम समय में शुरू किया जा सकता है। इसकी शुरुआत ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे (Greenfield Expressway) और हाइवे को ही दी जाएगी।

अब ऐसे कटेगा पैसा

आपको बता दे कि इस टेक्नोलॉजी के तहत आपको अपनी कार में एक जीपीएस डिवाइस (GPS Device) लगाना होगा। आप जैसे ही टोल वाले हाइवे पर गाड़ी लाएंगे टोल की कैलकुलेशन शुरू हो जाएगी। आपने जितनी दूरी का सफर उस सड़क पर शुरू किया है। उसके हिसाब से पैसे काट लिए जाएंगे। ये रकम सीधे आपके बैंक खाते से कटेगी। आपको अपने बैंक अकाउंट की जानकारी भी सरकार को देनी होगी। साथ ही आपको अपना वाहन रजिस्टर कराना होगा। इस सिस्टम से स्थानीय लोगों को टोल पर मिलने वाली छूट बंद हो जाएगी।

अभी लागू है फास्टैग

अगर जीपीएस आधारित टोल सिस्टम लागू होता है. लोगों को फिक्स्ड चार्ज नहीं देना होगा बल्कि जितनी दूर उन्होंने ट्रेवल किया है उन्हें उतना ही पैसा देना होगा। इससे टोल प्लाजा के पास जाम की समस्या ख़त्म हो जाएगी। साथ ही टोल प्लाजा पर आए दिन सामने आने वाले हिंसा के मामले भी खत्म हो जाएंगे। आपको बता दे कि फास्टैग 2017-18 में 16 फीसदी कारों में लगा था जो 2021-22 में बढ़कर 96.3 फीसदी तक पहुंच गया है। 2017-18 में फास्टैग से कुल 3,532 करोड़ रुपये का टोल कलेक्ट हुआ था. ये 2021-22 में बढ़कर 33,274 करोड़ रुपये हो गया है।

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