टूलकिट मामला : दिशा रवि ने उच्च न्यायालय से जमानत की शर्तों में बदलाव करने का अनुरोध किया

टूलकिट मामला : दिशा रवि ने उच्च न्यायालय से जमानत की शर्तों में बदलाव करने का अनुरोध किया

  •  
  • Publish Date - August 21, 2023 / 02:14 PM IST,
    Updated On - August 21, 2023 / 02:14 PM IST

नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) दिल्ली में 2021 में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान उनके समर्थन में ‘टूलकिट’ साझा करने में संलिप्तता के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहीं जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से अपनी जमानत की शर्तों में बदलाव की अनुमति देने का अनुरोध किया है। जमानत की शर्त में कहा गया है कि विदेश जाने से पहले दिशा रवि को निचली अदालत की पूर्व अनुमति लेनी होगी।

सुनवाई के लिए याचिका न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा के समक्ष आई थी, जिन्होंने रवि और पुलिस की ओर से पेश हुए वकील की दलीलें सुनने के बाद कहा कि आदेश शाम चार बजे पारित किया जाएगा।

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के प्रदर्शन से संबंधित ‘टूलकिट’ को सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने रवि को 13 फरवरी, 2021 को गिरफ्तार किया था और 23 फरवरी, 2021 को उन्हें यहां की एक निचली अदालत ने जमानत दे दी थी।

जमानत देते हुए निचली अदालत ने उन पर अदालत की पूर्व अनुमति के बिना वह देश छोड़कर नहीं जाने सहित कई शर्तें भी लगाई थीं।

उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में रवि ने विदेश जाने से पहले निचली अदालत की पूर्व अनुमति लेने से संबंधित जमानत की शर्त को बदलने का अनुरोध किया।

उनके वकील ने उच्च न्यायालय से जमानत की शर्त में बदल कर यह करने का अनुरोध किया कि वह विदेश जाने से पहले निचली अदालत को इस बारे में सूचित करें।

रवि के वकील ने उनकी ओर से दलील दी, ‘‘मुझे अक्सर, नियमित अंतराल पर बेहद कम समय में विदेश जाना होता है। जमानत के आदेश के बाद मैं तीन बार विदेश जा चुकी हूं और मेरे खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) भी जारी हुआ है। विदेश जाने से पहले निचली अदालत की अनुमति लेने की शर्त से मुझे असुविधा होती है। मैंने जमानत की किसी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है।’’

राज्य के वकील ने यह कहकर उनकी याचिका का विरोध किया कि उन्हें इससे असुविधा होती है, सिर्फ इस आधार पर जमानत की शर्त में बदलाव नहीं किया जा सकता है।

रवि की जमानत की शर्त में बदलाव संबंधी अपील नौ अगस्त को निचली अदालत ने अस्वीकार कर दी थी। निचली अदालत के इस फैसले को उन्होंने उच्च न्यायालय में चुनौती दी।

भाषा

सुरभि मनीषा

मनीषा