मोटर वाहन अधिनियम के तहत ट्रैक्टर-ट्रॉली राजमार्गों पर नहीं चल सकतीं: उच्च न्यायालय

मोटर वाहन अधिनियम के तहत ट्रैक्टर-ट्रॉली राजमार्गों पर नहीं चल सकतीं: उच्च न्यायालय

मोटर वाहन अधिनियम के तहत ट्रैक्टर-ट्रॉली राजमार्गों पर नहीं चल सकतीं: उच्च न्यायालय
Modified Date: February 20, 2024 / 10:33 pm IST
Published Date: February 20, 2024 10:33 pm IST

चंडीगढ़, 20 फरवरी (भाषा) दिल्ली तक अपना विरोध मार्च फिर से शुरू करने की योजना बना रहे हजारों किसानों के पंजाब-हरियाणा सीमा पर डटे रहने के बीच पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मौखिक रूप से पंजाब सरकार से कहा कि वह कृषकों को बड़ी संख्या में इकट्ठा होने की अनुमति न दे।

अदालत ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार ट्रैक्टर-ट्रॉली राजमार्गों पर नहीं चलाई जा सकतीं। इसने कहा कि किसान बस या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करके दिल्ली जा सकते हैं।

फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत प्रदर्शनकारी किसान शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं। उन्हें दिल्ली कूच से रोकने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।

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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की पीठ ने मौखिक रूप से पंजाब सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसान बड़ी संख्या में एकत्र न हों।

हरियाणा के अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपक सभरवाल ने कहा कि अदालत ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार किसान राजमार्गों पर ट्रैक्टर और ट्रॉली का उपयोग नहीं कर सकते।

उन्होंने बताया कि अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि वे बस से या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करके दिल्ली जा सकते हैं।

पीठ ने केंद्र सरकार से किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों की समिति के बीच हुई बैठकों के परिणामों के बारे में विवरण प्रदान करने के लिए हलफनामे के माध्यम से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा।

उच्च न्यायालय दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।

इनमें से एक याचिका में किसानों के प्रदर्शन के खिलाफ हरियाणा और पंजाब की सरकारों तथा केंद्र की सभी कार्रवाइयों पर रोक लगाने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है। वहीं, दूसरी याचिका में यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है कि प्रदर्शनकारियों द्वारा कोई राजमार्ग अवरुद्ध न किया जाए और ऐसा करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

मामले में अगली सुनवाई अगले हफ्ते होगी।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव


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