चेन्नई, 20 अक्टूबर (भाषा) तमिलनाडु सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय को बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री सहित अति महत्वपूर्ण व्यक्ति (वीआईपी) के काफिले के गुजरने के दौरान यातायात नहीं रोकने का फैसला किया गया है।
राज्य के लोक अभियोजक हसन मोहम्मद जिन्ना ने न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश को यह जानकारी दी। उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर वीआईपी के दौरे के दौरान यातायात की आवाजाही आसान बनाने के लिए तत्काल कदम उठाने के लिए राज्य के गृह सचिव की सराहना की।
इससे पहले, सड़कों पर अवरोधक लगाने और उनके वाहन सहित सभी वाहनों को रोकने संबंधी पुलिस की कार्रवाई से नाराज न्यायाधीश ने न्यायाधीशों को बिना किसी बाधा के जाने देने के वास्ते कोई व्यवस्था नहीं करने के लिए पुलिस को फटकार लगाई थी। न्यायाधीश का वाहन रोके जाने के कारण एक अक्टूबर को अदालत का कामकाज देर से शुरू हुआ था।
पुलिस ने दिवंगत फिल्म दिग्गज शिवाजी गणेशन की 93वीं जयंती के मद्देनजर आरए पुरम में उनके स्मारक के निकट वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित करते हुए विशेष व्यवस्था की थी, जिसमें मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और अन्य मंत्रियों ने भाग लिया था।
न्यायाधीश का वाहन भी लगभग 30 मिनट तक रुका रहा। न्यायाधीश ने कहा था कि ऐसा उनके सहायक द्वारा संबंधित पुलिस अधिकारियों को पहले से सूचित करने के बावजूद हुआ था।
इस मामले में समन के बाद, गृह सचिव एसके प्रभाकर वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश हुए और इस अप्रिय घटना के लिए खेद व्यक्त किया। उन्होंने न्यायाधीश से यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति से बचने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
इसी के अनुसार यातायात को नहीं रोकने का निर्णय लिया गया और आज न्यायाधीश को इसकी जानकारी दी गई।
भाषा देवेंद्र अनूप
अनूप
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