कोलकाता, नौ दिसंबर (भाषा)तृणमूल कांग्रेस की महिला इकाई ने संविधान सभा की पहली बैठक की 79वीं वर्षगांठ के अवसर पर मंगलवार को मध्य कोलकाता में एक मार्च निकाला और ‘‘बंगाल के अधिकारों की रक्षा’’ करने का संकल्प लिया।
मार्च का नेतृत्व राज्य की वित्तमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और कैबिनेट मंत्री शशि पांजा ने किया। यह मार्च ललित कला अकादमी से शुरू होकर धर्मतला की ओर बढ़ा।
कोलकाता नगर निगम (केएमसी)के पार्षद और महापौर परिषद के सदस्यों ने भी इसमें हिस्सा लिया।
मार्च में शामिल नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ‘‘बंगाल के अधिकारों की रक्षा के लिए शपथ लें’’ और ‘‘एकजुट हों, तैयार हों’’ जैसे नारे लिखी तख्तियां ले रखी थी। तृणमूल ने इस कार्यक्रम को राज्य के अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के रूप में प्रस्तुत किया।
पांजा ने कहा कि यह रैली लोगों को नौ दिसंबर 1946 की याद दिलाने के लिए आयोजित की गई थी, जिस दिन संविधान सभा की पहली बैठक बुलाई गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘संविधान हमारा सुरक्षा कवच है।’’
पांजा ने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह विकास निधि रोककर और राज्य को उसका बकाया देने से इनकार करके ‘बंगाल पर हमला और उसे वंचित कर रहा है’।
पांजा और अन्य नेताओं ने दोहराया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राजनीतिक और प्रशासनिक रूप से ‘‘बंगाल पर कब्जा’’ करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और अत्यधिक दस्तावेजीकरण आवश्यकताओं जैसे हथियारों का उपयोग ‘‘लोगों को परेशान करने’’ के लिए किया जा रहा है।
तृणमूल नेतृत्व ने राज्य की मुख्य विपक्षी और केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर सहकारी संघवाद को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि पार्टी केवल ‘‘किसी भी तरह सत्ता हथियाने’’ में रुचि रखती है।
भाषा धीरज पवनेश
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