त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने चाय विकास निगम को आत्मनिर्भर संस्था बनाने पर जोर दिया

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने चाय विकास निगम को आत्मनिर्भर संस्था बनाने पर जोर दिया

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने चाय विकास निगम को आत्मनिर्भर संस्था बनाने पर जोर दिया
Modified Date: December 5, 2025 / 04:15 pm IST
Published Date: December 5, 2025 4:15 pm IST

अगरतला, पांच दिसंबर (भाषा) त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने राज्य चाय विकास निगम से आत्मनिर्भर संस्था बनने के लिए सक्रिय कदम उठाने और रोजगार सृजन के मकसद से विशिष्ट योजनाएं अपनाने का आग्रह किया है। यहां एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा कि त्रिपुरा चाय विकास निगम (टीटीडीसी) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में हुए 5.4 करोड़ रुपये के नुकसान को कम करते हुए 2024-25 में इसे 2.81 करोड़ रुपये कर दिया है, जिसे राजस्व हानि को रोकने में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा गया है।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को यहां सिविल सचिवालय में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग तथा टीटीडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

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टीटीडीसी के अध्यक्ष समीर रंजन घोष ने कहा, ‘‘बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि त्रिपुरा की चाय स्वाद और सुगंध में किसी से कम नहीं है। उन्होंने चाय की गुणवत्ता बनाए रखने और बेहतर तरीके से विपणन करने पर ज़ोर दिया।’’

उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में चाय का उत्पादन नहीं होता, वहां भी त्रिपुरा की चाय बेचकर राजस्व में वृद्धि संभव है।

घोष ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘वोकल फॉर लोकल’ अपील को आगे बढ़ाने को कहा और संबंधित अधिकारियों से राज्य में त्रिपुरा चाय की अधिक खपत सुनिश्चित करने का आग्रह किया।’’

त्रिपुरा उद्योग विभाग की सचिव किरण गिट्टे ने कहा कि 2024 में राज्य में चाय का वार्षिक उत्पादन 90 लाख किलोग्राम था।

चाय विकास निगम के अंतर्गत पांच बागान हैं, जबकि सहकारी समितियों द्वारा संचालित 13 और निजी स्वामित्व वाले 36 बागान हैं।

उन्होंने बताया कि चाय का उत्पादन करने वाले छोटे किसानों की संख्या 2,800 है।

उनके अनुसार, मुख्यमंत्री चाय श्रमिक कल्याण योजना के तहत चाय बागान श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार के लिए विभिन्न पहल की गई हैं।

गिट्टे ने कहा कि चाय श्रमिकों की दैनिक मजदूरी 105 रुपये से बढ़ाकर 204 रुपये कर दी गई है और ब्रह्मकुंड चाय प्रसंस्करण केंद्र का उन्नयन कार्य पूरा हो गया है, जबकि उत्तरी त्रिपुरा जिले के मचमारा एस्टेट में चाय प्रसंस्करण की एक छोटी इकाई भी स्थापित की गई है।

भाषा यासिर दिलीप

दिलीप


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