सैनिकों की पूर्ण वापसी की योजना पर अमल के लिए टकराव वाले स्थानों से सैनिकों को हटाना जरूरी: भारत

सैनिकों की पूर्ण वापसी की योजना पर अमल के लिए टकराव वाले स्थानों से सैनिकों को हटाना जरूरी: भारत

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  • Publish Date - February 26, 2021 / 07:30 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:42 PM IST

नयी दिल्ली/बीजिंग, 26 फरवरी (भाषा) सरहद पर शांति और स्थिरता को द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए जरूरी बताते हुए भारत ने चीन से कहा है कि सैनिकों की पूर्ण वापसी की योजना पर अमल को लेकर जरूरी है कि टकराव वाले सभी इलाकों से सैनिकों को हटाया जाए। दोनों देशों ने समय-समय पर अपने दृष्टिकोण साझा करने के लिए हॉटलाइन संपर्क तंत्र भी स्थापित करने पर सहमति जतायी है।

पिछले सप्ताह भारत और चीन की सेना ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों और साजो-सामान को पीछे हटाने की प्रक्रिया संपन्न की।

विदेश मंत्री एस जयशंकर की उनके चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बृहस्पतिवार को 75 मिनट तक टेलीफोन पर हुई बातचीत का विवरण जारी करते हुए विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि चीन से कहा गया कि पिछले साल से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर पड़ा है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा संबंधी प्रश्न को सुलझाने में समय लग सकता है लेकिन हिंसा होने, और शांति तथा सौहार्द बिगड़ने से संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा।’’

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्री लगातार संपर्क में रहने और एक हॉटलाइन स्थापित करने पर सहमत हुए।

दोनों नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हालात और भारत-चीन के बीच समग्र संबंधों को लेकर चर्चा की।

बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा देर रात जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक वांग ने कहा कि चीन और भारत को आपसी भरोसे के सही मार्ग का कड़ाई से पालन करना चाहिए और दोनों पड़ोसी देशों के बीच सहयोग होना चाहिए।

भाषा सुरभि शोभना

सुरभि