कन्नूर, 28 मई (भाषा) खुले समुद्र (हाई सी) से मादक पदार्थ बरामद होने की बढ़ती घटनाओं के बीच नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शनिवार को कहा कि प्रतिबंधित पदार्थों की खेप अफगानिस्तान से आती है और इसके खतरे को कम करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के कैडेट के पासिंग आउट परेड का निरीक्षण करने के बाद यहां मीडिया को संबोधित करते हुए नौसेना प्रमुख ने कहा कि अफगानिस्तान सरकार के पतन और तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अवैध गतिविधियों में इजाफा हुआ है।
नौसेना प्रमुख कुमार ने कहा, ‘‘मादक पदार्थ का खतरा अभी बहुत गंभीर है, अफगानिस्तान सरकार के पतन के बाद महासागर में मादक पदार्थों की तस्करी मछली पकड़ने की नौकाओं के जरिये हो रही है।’’
लक्षद्वीप तट के पास खंले समुद्र से 1500 करोड़ रुपये मूल्य की हेरोइन बरामद किये जाने के एक दिन बाद नौसेना प्रमुख ने यह बयान दिया। हाल ही में गुजरात तट के पास सक्रिय मादक पदार्थ की तस्करी से जुड़े गिरोह का भंडाफोड़ जांच एजेंसियों ने किया था।
इसके पहले जांच एजेंसियों ने 20 मई को लक्षद्वीप तट के पास से 218 किलोग्राम हेरोइन बरामद की थी, जिसकी कीमत बाजार में 1500 करोड़ रुपये बतायी गई।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि मादक पदार्थ गुजरात पहुंचाने के लिए तस्कर मछली पकड़ने वाली नौका का इस्तेमाल करते हैं। कुछ तस्कर मादक पदार्थ पहले मालदीव और सेशेल्स के पास के समुद्र में ले जाते हैं और फिर वहां से नौका के जरिये इसे भेजने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने कहा कि नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के जवान समुद्र में किसी संदिग्ध नौका या पोत की गतिविधि पर लगातार नजर रखते हैं और तलाशी अभियान चलाते हैं।
नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘एक नौका की पूरी तरह जांच करने में करीब चार घंटों का समय लगता है, जबकि समुद्र में बड़ी तादाद में पोत और नौकाएं होती हैं। हमें खुफिया सूचना के आधार पर नौकाओं को चिह्नित करने की जरूरत है। ’’
नौसेना प्रमुख ने कहा कि नौसेना ने अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग करके केवल पिछले साल 3000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के मादक पदार्थों को जब्त किया।
भाषा संतोष दिलीप
दिलीप
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