शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण की भारत की पहल में उत्प्रेरक बनना चाहता है यूजीसी : जगदीश कुमार |

शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण की भारत की पहल में उत्प्रेरक बनना चाहता है यूजीसी : जगदीश कुमार

शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण की भारत की पहल में उत्प्रेरक बनना चाहता है यूजीसी : जगदीश कुमार

:   Modified Date:  December 1, 2022 / 03:09 PM IST, Published Date : December 1, 2022/3:09 pm IST

नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण के महत्व को रेखांकित करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि दुनिया के उत्कृष्ठ विश्वविद्यालयों को भारत में अपना परिसर स्थापित करने के लिये आमंत्रित करने की पहल में यूजीसी सहायक एवं उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा ।

‘‘जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट : इग्नाइटिंग यंग माइंड’’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि हम शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण पर काम कर रहे हैं और जब हम जी-20 की बात करते हैं तो यह विषय महत्वपूर्ण हो जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ देश में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा को लाने के लिये यूजीसी सहायक एवं उत्प्रेरक के रूप में काम करना चाहता है ।’’

उन्होंने कहा कि शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण की पहल को दुनिया के जाने माने विश्वविद्यालयों को भारत में अपना परिसर स्थापित करने के लिये आमंत्रित करके एवं छात्रों को दूसरे देशों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहित करके अंजाम दिया जा रहा है।

कुमार ने कहा कि दुनिया के समक्ष आज तीन बड़ी चुनौतियां हैं जिसमें बढ़ती असमानता, विफल होती आर्थिक प्रणाली और खराब होता पर्यावरण शामिल है।

उन्होंने कहा कि जब हम भारत को देखते हैं तो पाते हैं कि 15-25 वर्ष आयु वर्ग के 30 करोड़ युवा हैं जिनकी अपनी आकांक्षाएं हैं ।

उन्होंने कहा कि इन युवाओं में खास बात यह है कि वे सीखने को तत्पर रहते हैं, वे रचनात्मकता एवं नवाचार को लेकर उत्सुक हैं, वे समस्याओं का समाधान निकालना चाहते हैं, यथा स्थिति पर सवाल उठाते हैं और खतरा उठाना चाहते हैं ।

जगदीश कुमार ने कहा कि एक ओर चुनौतियां हैं और दूसरी ओर युवाओं की आकांक्षाएं हैं । ऐसे में चुनौतियों का समाधान युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करके ही निकाला जा सकता है।

उन्होंने कहा कि दो वर्ष पहले भारत ने दूरदृष्टि वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति पेश की और पिछले दो वर्षो में इसे लागू करने के लिये काम किया जा रहा है जिसमें अनेक शिक्षा सुधार शामिल हैं ।

यूजीसी के अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति छात्रों को पठन पाठन एवं उससे जुड़े विषयों में लचीलापन एवं स्वतंत्रता प्रदान करती है । इस संबंध में कई सुधार किये जा रहे हैं जिसमें बहुआयामी समग्र शिक्षा, शिक्षकों की क्षमता को मजबूत बनाने, शोध एवं नवाचार से जुड़ी व्यवस्था को बेहतर बनाने जैसे कार्य शामिल हैं ।

उन्होंने कहा कि जी-20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति को छात्रों के सशक्तिकरण के नमूने के तौर पर पेश किया जा सकता है।

छात्रों के डिजिटल सशक्तिकरण प्रयासों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश के हर छात्र तक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

कुमार ने कौशल शिक्षा का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रणाली में 500 कौशल केंद्र स्थापित करने की दिशा में काम किया जा रहा है।

भाषा दीपक दीपक नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)