उपहार अग्निकांड : अदालत ने पासपोर्ट मामले में सुशील अंसल के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया

उपहार अग्निकांड : अदालत ने पासपोर्ट मामले में सुशील अंसल के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया

उपहार अग्निकांड : अदालत ने पासपोर्ट मामले में सुशील अंसल के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया
Modified Date: December 3, 2025 / 03:06 pm IST
Published Date: December 3, 2025 3:06 pm IST

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने उपहार अग्निकांड के दोषी सुशील अंसल के खिलाफ आपराधिक मामलों को कथित तौर पर छिपाने और पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए झूठी घोषणाएं प्रस्तुत करने के एक मामले में आरोप तय करने का आदेश दिया है।

अंसल के खिलाफ 2019 में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मामला दर्ज किया था और उस पर झूठी जानकारी देने का आरोप लगाया गया था क्योंकि उसने 1997 के उपहार सिनेमा अग्निकांड में अपनी दोषसिद्धि की घोषणा नहीं की थी।

पटियाला हाउस अदालत की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रेया अग्रवाल ने 28 नवंबर के आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया अंसल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 177 (लोक सेवक को गलत जानकारी देना), धारा 181 (शपथ पर झूठा बयान देना) और पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12 (पासपोर्ट से संबंधित अपराध) के तहत अपराध के लिए मामला आगे बढ़ाने के वास्ते पर्याप्त सामग्री है।

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उन्होंने मामले को 13 जनवरी 2026 को औपचारिक रूप से आरोप तय करने के लिए सूचीबद्ध किया।

अदालत ने कहा कि अंसल ने 2013 के तत्काल पासपोर्ट आवेदन के साथ प्रस्तुत शपथपत्र में ‘‘जानबूझकर अपने विरुद्ध लंबित आपराधिक मामलों का विवरण तथा दोषसिद्धि के आदेश को छुपाया है।’’

बचाव पक्ष के इस दावे को खारिज करते हुए कि लिखित शिकायत के अभाव में अभियोजन पक्ष को मामला दर्ज करने से रोक दिया गया था, अदालत ने कहा कि यह शर्त पूरी हो गई है क्योंकि मामला दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार शुरू किया गया था।

आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उपहार त्रासदी पीड़ित संघ (एवीयूटी) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने कहा कि यह ‘‘कोई एकमात्र घटना नहीं है’’ बल्कि यह अंसल का तीसरा आपराधिक मामला है।

उन्होंने कहा कि अंसल को उपहार अग्निकांड में पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है, जिसमें 59 लोगों की जान चली गई थी और उसे साक्ष्यों से छेड़छाड़ के मामले में भी दोषी ठहराया गया है, जो कि न्यायालयों और न्याय प्रणाली का अपमान है।

उपहार सिनेमा मामला 13 जून 1997 को हिंदी फिल्म ‘‘बॉर्डर’’ के प्रदर्शन के दौरान थियेटर में लगी आग से संबंधित है, जिसमें 59 लोगों की जान चली गई थी।

उच्चतम न्यायालय ने सितंबर 2015 में अंसल बंधुओं गोपाल और सुशील अंसल को लापरवाही के कारण हुई मौत का दोषी ठहराया था।

भाषा गोला शफीक

शफीक


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