हिमाचल प्रदेश विधानसभा में ‘असंसदीय’ टिप्पणी पर हंगामा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 'असंसदीय' टिप्पणी पर हंगामा
धर्मशाला/शिमला, पांच दिसंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को धर्मशाला में उस समय हंगामा मच गया जब सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य ‘असंसदीय और अशोभनीय’ भाषा के इस्तेमाल को लेकर आपस में भिड़ गए।
हंगामे के कारण कार्यवाही 40 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
टकराव प्रश्नकाल के बाद शुरू हुआ, जब राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बृहस्पतिवार को विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की शिकायत के बारे में जानकारी मांगी।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि उन्हें नियम 75 के तहत शिकायत मिली है, वह इसकी जांच कर रहे हैं और बाद में सदन को सूचित करेंगे।
इसी मुद्दे को व्यवस्था के प्रश्न के माध्यम से उठाते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि विधानसभा की अपनी मर्यादा और परंपराएं हैं और सदन में इस्तेमाल किए गए कुछ शब्दों ने परंपरा का उल्लंघन किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एक मंत्री को बचा रहे हैं और सदन की परंपराओं का उल्लंघन कर रहे हैं।
इससे दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई, जिसके बाद अध्यक्ष ने सदन को स्थगित कर दिया, करीब 40 मिनट बाद कार्यवाही दोबारा शुरू हुई ।
इस दौरान अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के सदस्यों से असंसदीय भाषा बोलने या इस्तेमाल करने से परहेज करने का आग्रह किया और कहा कि ऐसे शब्दों को कार्यवाही में शामिल नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान संयम बरतना चाहिए और सदस्यों को याद दिलाया कि वे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं, दुश्मन नहीं, और उन्हें गरिमापूर्ण तरीके से बोलना चाहिए।
भाषा तान्या रंजन
रंजन

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