नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन में मंगलवार को हंगामे के कारण निगम के विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को वर्दी की खरीद के लिए 1100 रुपये की राशि के वितरण के लिए प्रशासनिक मंजूरी और एक चिकित्सा कॉलेज के निर्माण सहित अन्य प्रस्ताव पारित नहीं हो सके।
आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर सदन में हंगामे की स्थिति रही।
मालीवाल ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर एक कर्मचारी ने उनके साथ ‘मारपीट’ की।
पुलिस ने बताया कि वह (मालीवाल) सिविल लाइन्स थाने गई थीं लेकिन उन्होंने औपचारिक शिकायत नहीं दर्ज कराई।
दिल्ली की महापौर शैली ओबेरॉय के सदन में प्रवेश करते ही भाजपा और कांग्रेस के पार्षद आसन के करीब आकर केजरीवाल के खिलाफ नारे लगाने लगे और घटना को लेकर उनके इस्तीफे की मांग करने लगे।
नगर निगम विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को वर्दी की खरीद के लिए 1100 रुपये, बस्ते के लिए 120 रुपये और कॉपियों व स्टेशनरी की खरीद के लिए 300 रुपये वितरित करने को प्रशासनिक मंजूरी देने के प्रस्ताव को सदन में रखा जाना था।
इसके अलावा राजन बाबू इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी मेडिसिन एंड ट्यूबरकुलोसिस हॉस्पिटल परिसर में चिकित्सा कॉलेज की इमारत के निर्माण के प्रस्ताव को भी सदन में रखा जाना था।
सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित किये जाने के कारण कोई भी प्रस्ताव पारित नहीं हो सका। विपक्षी पार्षदों ने इस मुद्दे को लेकर सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जमकर नारेबाजी की जिस कारण कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।
उच्च न्यायालय ने एमसीडी को कल्याणकारी योजना राशि को तुरंत विद्यार्थियों को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया था।
‘मुख्यमंत्री आवास में महिलाओं की सुरक्षा’ को लेकर चिंता जताते हुए सभी दलों के पार्षदों ने सदन में एक निंदा प्रस्ताव भी पेश किया।
पार्षदों ने कथित घटना के लिए केजरीवाल नीत सरकार पर निशाना साधा और मालीवाल के लिए न्याय की मांग की।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी पार्षदों ने ‘केजरीवाल हाय-हाय’, ‘स्वाति मालीवाल को इंसाफ दो’ और ‘केजरीवाल इस्तीफा दो’ जैसे नारे लगाये।
विपक्षी पार्षद महापौर के आसन के पास पोस्टर लेकर खड़े थे, जिन पर ”दलित महापौर को कुर्सी पर बिठाओ, दलित विरोधी केजरीवाल इस्तीफा दो” नारे लिखे हुए थे।
हंगामे के बीच महापौर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
भाषा जितेंद्र नरेश
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