देवस्थानम बोर्ड अधिनियम वापस लेने के फैसले पर उत्तराखंड मंत्रिमंडल की लगी मुहर |

देवस्थानम बोर्ड अधिनियम वापस लेने के फैसले पर उत्तराखंड मंत्रिमंडल की लगी मुहर

देवस्थानम बोर्ड अधिनियम वापस लेने के फैसले पर उत्तराखंड मंत्रिमंडल की लगी मुहर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : December 7, 2021/5:45 pm IST

देहरादून, सात दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने विवादास्पद चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अधिनियम को समाप्त करने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है।

आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार शाम हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अधिनियम को समाप्त करने की मंजूरी दी गयी।

अब इस अधिनियम को निरस्त करने का प्रस्ताव नौ दिसंबर से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान लाया जाएगा।

चारों हिमालयी धामों-बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तथा 49 अन्य मंदिरों के प्रबंधन के लिए गठित देवस्थानम बोर्ड को भंग ​किए जाने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत तीर्थ पुरोहितों की मांग को मानते हुए उत्तराखंड सरकार ने पिछले मंगलवार को इस अधिनियम को वापस लेने का निर्णय लिया था।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में कहा था, ‘‘ आप सभी की भावनाओं, तीर्थपुरोहितों, हक-हकूकधारियों के सम्मान एवं चारधाम से जुड़े सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने देवस्थानम बोर्ड अधिनियम वापस लेने का फैसला किया है।’’

अस्तित्व में आने के ठीक दो साल बाद देवस्थानम बोर्ड के भंग करने का फैसला भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोहरकांत ध्यानी की अध्यक्षता में धामी द्वारा ग​ठित एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिश के आधार पर किया गया।

बोर्ड के गठन को अपने पारंपरिक अधिकारों का हनन बताते हुए चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों ने निकट आ रहे विधानसभा चुनावों को देखते हुए अपने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी थी। बोर्ड को भंग करने के धामी सरकार के फैसले को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है।

देवस्थानम अधिनियम पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सरकार के कार्यकाल में दिसंबर 2019 में पारित हुआ था जिसके तहत जनवरी 2020 में बोर्ड का गठन किया गया था।

भाषा दीप्ति दीप्ति धीरज

धीरज

 

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