उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चारधाम जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर लगी पाबंदी हटायी |

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चारधाम जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर लगी पाबंदी हटायी

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चारधाम जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर लगी पाबंदी हटायी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:49 PM IST, Published Date : October 5, 2021/9:16 pm IST

नैनीताल, पांच अक्टूबर (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश में चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की अधिकतम दैनिक संख्या पर लगी पाबंदी मंगलवार को हटा दी। अब बुधवार से श्रद्धालुओं के चारधाम यात्रा पर जाने के लिए संख्या की कोई सीमा नहीं होगी।

मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ चारधामों में श्रद्धा​लुओं की अधिकतम संख्या पर लगी पाबंदी हटा दी।

अदालत ने हांलांकि, अपने आदेश में कहा है कि चारधाम आने वाले प्रत्येक यात्री के पास कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट और टीकाकरण प्रमाणपत्र होना जरूरी होगा। इसके अलावा, चमोली, रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में चारधाम यात्रा के ​दौरान जरूरत के हिसाब से पुलिस बल तैनात किया जाएगा। चमोली जिले में बदरीनाथ, रूद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर स्थित हैं।

इससे पहले, चारों धामों में दर्शन के लिए उच्च न्यायालय ने श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या निर्धारित की थी। बदरीनाथ के लिए श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन 1000, केदारनाथ के लिए 800, गंगोत्री के लिए 600 और यमुनोत्री के लिए 400 तय की गयी थी।

यात्रियों की अधिकतम दैनिक संख्या निर्धारित करने के अलावा, उच्च न्यायालय ने धामों के आसपास स्थित किसी जलाशय या झरने में नहाने पर भी प्रतिबंध लगाया था। हालांकि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में हलफनामा दायर करके अदालत से अपने पूर्व के आदेश में संशोधन करके चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढा़ने की प्रार्थना की थी।

अर्जी में यह भी कहा गया था कि अदालत द्वारा पिछले आदेश में तय किए गए सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है। सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि चारों धामों में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध करा दी गयी हैं। सरकार ने कहा था हांलांकि, श्रद्धालुओं की संख्या में कमी से स्थानीय लोगों की आजीविका प्रभावित हो रही है।

भाषा सं दीप्ति

दीप्ति अमित

अमित

 

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