उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून को कड़ा करने की तैयारी |

उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून को कड़ा करने की तैयारी

उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून को कड़ा करने की तैयारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:45 PM IST, Published Date : October 9, 2021/4:24 pm IST

देहरादून, नौ अक्टूबर (भाषा) उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में जनसांख्यिकी परिवर्तन के कारण सांप्रदायिक माहौल बिगडने की आशंका के मददेनजर पुलिस को एहतियात बरतने के निर्देश देने के बाद उत्तराखंड सरकार अब धर्मांतरण कानून को कड़ा करने की तैयारी में है जिसमें 10 साल त​क के कारावास की सजा का प्रावधान भी होगा ।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मजबूत धर्मांतरण कानून के संबंध में पुलिस से प्रस्ताव देने को कहा था और इसी के मददेनजर (पुलिस) विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है ।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सौंपे गए दो पृष्ठों के इस प्रस्ताव में उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण के संबंध में बने कानून की तर्ज पर संशोधन करने की सिफारिश की गयी है ।

कुमार ने कहा कि पुलिस ने प्रस्ताव में सामूहिक धर्मांतरण को संज्ञेय अपराध बनाने की सिफारिश की है जिसके तहत न्यूनतम तीन साल से लेकर 10 साल तक की कैद की सजा और 25 हजार रूपये जुर्माने का प्रावधान होगा ।

उन्होंने कहा कि वर्तमान कानून में जबरन धर्मांतरण संज्ञेय अपराध न होकर केवल शिकायती मामला है जहां पहले अदालत में केस दायर होता है । लेकिन नए प्रस्ताव के अनुसार, ऐसे मामलों में सीधे पुलिस के पास जाकर प्राथमिकी दर्ज कराने का अधिकार देने की सिफारिश की गयी है ।

इस संबंध में, मुख्यमंत्री के अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने कहा कि पुलिस से प्राप्त प्रस्ताव का अध्ययन किया जा रहा है ।

सरकार द्वारा धर्मांतरण कानून को कड़ा करने की तैयारी को पिछले दिनों हरिद्वार के रूडकी में एक गिरिजाघर पर ‘सामूहिक धर्मांतरण’ का आरोप लगाते हुए उपद्रवियों द्वारा किए गए हमले से भी जोडकर देखा जा रहा है ।

पिछले महीने उत्तराखंड सरकार ने कुछ विशेष क्षेत्रों में जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि होने से आ रहे जननांकीय परिवर्तन और ‘कतिपय समुदाय के लोगों का उन क्षेत्रों से पलायन’ के रूप में सामने आ रहे कुप्रभाव से वहां का सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की संभावना के मददेनजर पुलिस को कार्रवाई करने को कहा था ।

इस संबंध में एहतियाती कदम उठाने के निर्देश देते हुए प्रत्येक जिले में क्षेत्रों का चिन्हीकरण करते हुए वहां निवास कर रहे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर करवाई करने के भी निर्देश दिए गए थे ।

इसके साथ ही जिलेवार ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार करने को भी कहा गया जो अन्य राज्यों से आकर यहां रह रहे हैं और जिनका आपराधिक इतिहास भी है। ऐसे लोगों का व्यवसाय और मूल निवास स्थान का सत्यापन करके उनका रिकॉर्ड तैयार करने को कहा गया ।

जिलाधिकारियों को इन क्षेत्र विशेष में भूमि की अवैध ख़रीद–फरोख्त पर विशेष निगरानी रखने को भी कहा गया है और यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कहीं कोई व्यक्ति किसी के डर या दवाब में तो अपनी संपत्ति नहीं बेच रहा है ।

भाषा दीप्ति

दीप्ति राजकुमार

राजकुमार

राजकुमार

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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