उत्तराखंड: देवदार के पेड़ों को काटे जाने का विरोध कर रहे पर्यावरणविदों का ग्रामीणों ने पुतला फूंका
उत्तराखंड: देवदार के पेड़ों को काटे जाने का विरोध कर रहे पर्यावरणविदों का ग्रामीणों ने पुतला फूंका
उत्तरकाशी, आठ दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के झाला-भैरोंघाटी के बीच गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के लिए छह हजार से ज्यादा देवदार के वृक्षों के कटान का विरोध कर रहे पर्यावरणविदों को विकास विरोधी बताते हुए धराली के आपदा प्रभावित ग्रामीणों ने सोमवार को उनका पुतला फूंका।
उपला टकनौर और धराली गांव के ग्रामीणों ने पुतला दहन करने के बाद जिलाधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन किया। इस मौके पर ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर विकास को रोकने की मांग करने वाले इन पर्यावरणविदों को राज्य सरकार और प्रशासन द्वारा नहीं रोका जाता तो उन्हें उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
ग्रामीण सुशील पंवार ने कहा कि आपदा के कारण पहले ही विकास रुका हुआ है और अब सड़क चौड़ीकरण का विरोध किए जाने से उनके भविष्य को और अधर में लटकाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरणविदों की ओर से आंकड़े दिए जा रहे हैं कि गंगोत्री राजमार्ग के चौड़ीकरण में करीब छह-सात हजार देवदार के पेड़ कट रहे हैं लेकिन वन विभाग और सीमा सड़क संगठन के अनुसार मात्र 3500 पेड़ ही चौड़ीकरण की जद में आ रहे हैं।
पंवार ने कहा कि गंगोत्री धाम सहित धराली गांव भारत-चीन सीमा पर स्थित है और जहां चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा तक रेल पहुंचा चुका है, वहीं हमारी सड़क का अभी तक चौड़ीकरण ही नहीं हो पाया है ।
उन्होंने कहा, ‘‘पर्यावरणविद दिल्ली और देहरादून में बैठकर वृक्ष संरक्षण की पैरवी कर रहे हैं जिससे क्षेत्र का विकास रुक रहा है। धराली सहित पूरा हर्षिल क्षेत्र इन पर्यावरणविदों का विरोध करता है।’’
उन्होंने प्रशासन से मांग की कि विकास को वरीयता दी जाए और अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
देवदार के वृक्षों को काटे जाने का विरोध कर रहे पर्यावरणविदों ने रविवार को हर्षिल में आयोजित रक्षासूत्र कार्यक्रम में देवदार के पेड़ों पर रक्षासूत्र बांधकर उन्हें बचाने का संकल्प लिया।
भाषा सं दीप्ति शोभना
शोभना

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